भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता होने जा रहा है, जिसके तहत भारतीय वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के लिए 113 इंजन की आपूर्ति की जाएगी। यह सौदा करीब 1 बिलियन डॉलर का है और इसे भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इस समझौते के तहत अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) एयरोस्पेस द्वारा निर्मित एफ404 इंजन तेजस मार्क-1ए विमानों को शक्ति प्रदान करेंगे। ये इंजन अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं और तेजस की उड़ान क्षमता, गति और युद्धक प्रदर्शन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह सौदा भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी मजबूत करेगा।
भारत में इंजन के कुछ हिस्सों के निर्माण
इस डील में तकनीकी हस्तांतरण और भारत में इंजन के कुछ हिस्सों के निर्माण की संभावना भी शामिल है, जो मेक इन इंडिया पहल को बल देगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को भी गहरा करेगा।
बातचीत अंतिम चरण में
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत अंतिम चरण में है। जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है। यह कदम भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक रक्षा क्षेत्र में उसकी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।





