विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने शनिवार को संसद के आगामी मॉनसून सत्र के लिए प्रमुख मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में 24 राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य शामिल थे। यह गठबंधन की कई हफ्तों बाद पहली समन्वित बैठक थी जिसका उद्देश्य सोमवार से शुरू होने वाले सत्र के लिए एकजुटता का संदेश देना था।
बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें बिहार में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन, पहलगाम में हालिया आतंकी हमला और विवादास्पद ऑपरेशन सिंदूर शामिल हैं। इसके अलावा, विपक्षी नेता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के दावे और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की मांग पर भी विचार-विमर्श करेंगे, जिनके आवास पर आग लगने के बाद जली हुई मुद्रा नोट बरामद हुई थी।
किन मुद्दों पर रहेगा जोर
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, अहमदाबाद विमान दुर्घटना, बढ़ती बेरोजगारी और किसानों की बदहाली जैसे मुद्दों पर बहस की मांग करने का संकल्प लिया है। सूत्रों के अनुसार, ये मुद्दे विपक्षी गठबंधन की रणनीति का हिस्सा होंगे ताकि संसद में सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
सोनिया गांधी ने भी ली बैठक
इससे पहले, सोनिया गांधी ने अपने 10 जनपथ निवास पर कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें पार्टी ने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति को मजबूत किया। मॉनसून सत्र से ठीक दो दिन पहले हुई इस इंडिया ब्लॉक की बैठक विपक्ष के एकजुट होकर संसद में मजबूत रुख अपनाने के प्रयास को दर्शाती है। ऐसे में आगामी सत्र के हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है।





