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Fri, Dec 19, 2025

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कुछ पाकिस्तानी ड्रोन सही-सलामत हालत में मिले, सीडीएस अनिल चौहान ने फिर खोली पोल

Written by:Mini Pandey
Published:
जनरल चौहान ने बताया कि अधिकांश ड्रोनों को गतिज और गैर-गतिज तरीकों के संयोजन से निष्प्रभावी किया गया और कुछ को लगभग पूरी तरह बरकरार हालत में बरामद किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कुछ पाकिस्तानी ड्रोन सही-सलामत हालत में मिले, सीडीएस अनिल चौहान ने फिर खोली पोल

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मई में पाकिस्तान के साथ चार दिन के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की ओर से भेजे गए कुछ ड्रोनों को सही-सलामत बरामद किया गया, जिससे संकेत मिलता है कि वे शायद ठीक से काम नहीं कर रहे थे। दिल्ली में एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वदेशी हथियारों की प्रशंसा की और जोर देकर कहा कि आधुनिक युद्ध जीतने के लिए पुराने हथियार प्रणालियों का उपयोग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस संघर्ष में निहत्थे ड्रोन और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स का इस्तेमाल किया लेकिन इनमें से कोई भी भारतीय सैन्य या नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं था।

जनरल चौहान ने बताया कि अधिकांश ड्रोनों को गतिज और गैर-गतिज तरीकों के संयोजन से निष्प्रभावी किया गया और कुछ को लगभग पूरी तरह बरकरार हालत में बरामद किया गया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों की अहम भूमिका की सराहना की जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि स्वदेशी काउंटर-यूएएस प्रणालियां (जो भारतीय भूभाग और जरूरतों के लिए विकसित की गई हैं) इस ऑपरेशन में निर्णायक साबित हुईं। उन्होंने आत्मनिर्भरता को भारत का रणनीतिक जरूरत बताया और कहा कि हाल के वैश्विक संघर्षों ने दिखाया है कि ड्रोन सामरिक संतुलन को असामान्य रूप से बदल सकते हैं।

पुराने हथियारों से जीत संभव नहीं

सीडीएस ने आधुनिक युद्ध में कल की तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि पुराने हथियारों से जीत संभव नहीं है। जनरल चौहान ने विदेशी तकनीकों पर निर्भरता को कमजोरी बताया क्योंकि यह युद्ध की तैयारियों को प्रभावित करती है। यह उत्पादन बढ़ाने की क्षमता को सीमित करती है और महत्वपूर्ण स्पेयर पार्ट्स की कमी पैदा करती है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी डिजाइन और निर्माण से न केवल लागत कम होती है बल्कि हथियारों की गोपनीयता बनी रहती है, जो दुश्मनों को आश्चर्यचकित कर सकता है और सतत युद्ध तत्परता सुनिश्चित करता है।

स्वदेशी प्रणालियों में आकाशतीर का उदाहरण

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने स्वदेशी प्रणालियों में आकाशतीर का उदाहरण दिया जो भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल है। इसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अहम भूमिका निभाई। इसका नया संस्करण आकाश एनजी, मल्टीपल ड्रोन स्वार्म्स और मिसाइल खतरों को रोकने में सक्षम रहा। यह मिसाइल 2.5 माच की गति और 30 मीटर से 20 किमी तक की ऊंचाई पर लक्ष्य भेदने की क्षमता रखती है जिसने भारतीय क्षेत्र की सुरक्षा में अहम योगदान दिया।