MP Breaking News

Welcome

Fri, Dec 5, 2025

भारतीय अर्थव्यवस्था में जोरदार तेजी, GDP ग्रोथ 8.2% पर, छह क्वार्टर का रिकॉर्ड टूटा, पीएम मोदी ने बताया प्रो ग्रोथ पॉलिसी और रिफॉर्म का परिणाम

Written by:Banshika Sharma
जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 8.2% की शानदार वृद्धि दर हासिल की है, जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों के दमदार प्रदर्शन ने इस ग्रोथ को रफ्तार दी है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में जोरदार तेजी, GDP ग्रोथ 8.2% पर, छह क्वार्टर का रिकॉर्ड टूटा, पीएम मोदी ने बताया प्रो ग्रोथ पॉलिसी और रिफॉर्म का परिणाम

नई दिल्ली: भारतीय इकोनॉमी ने करेंट वित्त वर्ष 2025-26 से सेकंड क्वार्टर Q2 (जुलाई-सितंबर) में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 8.2 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की है। यह पिछले छह क्वार्टर में सबसे तेज वृद्धि है। आंकड़ों के अनुसार, इस शानदार प्रदर्शन के पीछे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई मजबूती और त्योहारी सीजन से पहले बढ़ी हुई मांग का बड़ा योगदान है।

यह वृद्धि दर करेंट फाइनेंशियल ईयर के 1st क्वार्टर (अप्रैल-जून) के 7.8 प्रतिशत और पिछले साल की इसी तिमाही के 5.6 प्रतिशत के मुकाबले काफी बेहतर है। इन आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था में एक मजबूत सुधार का संकेत दिया है, जिसे सरकारी नीतियों और बढ़ते निवेश से बल मिला है।

मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र ने दी रफ्तार

आंकड़ों के मुताबिक, देश की GDP में लगभग 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सेकेंड क्वार्टर के दौरान 9.1 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि देखी गई। यह पिछले साल की इसी अवधि के 2.2 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले एक बड़ी छलांग है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी दरों में कटौती की उम्मीद में खपत बढ़ने की आशा से कारखानों ने अपना उत्पादन बढ़ाया, जिसका सीधा असर आंकड़ों पर दिखा।

Ministry of Statistics and Programme Implementation (MoSPI) के सचिव सौरभ गर्ग ने बताया कि अन्य प्रमुख क्षेत्रों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, “सर्विस सेक्टर 9.2% की दर से बढ़ा है, जबकि बैंक क्रेडिट में 10.2% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, आईटी क्षेत्र 11.5% और सरकारी क्षेत्र 9.7% की दर से बढ़ा है।”

सरकारी खर्च और निवेश का बड़ा योगदान

अर्थव्यवस्था की इस तेजी में सरकारी नीतियों और निवेश की अहम भूमिका रही है। सरकार का कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) 31% बढ़ा है, जिसने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (GFCF), जो अर्थव्यवस्था में निवेश का एक प्रमुख इंडिकेटर है, 7.3% बढ़कर कुल जीडीपी का 30% हो गया है। सौरभ गर्ग के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार के समय पर किए गए हस्तक्षेपों से भी अर्थव्यवस्था को मदद मिली है।

प्रधानमंत्री मोदी ने विकास दर को सराहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीडीपी के इन आंकड़ों पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने इसे सरकार की विकास-समर्थक नीतियों और सुधारों का परिणाम बताया।

“वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2% की जीडीपी वृद्धि बहुत उत्साहजनक है। यह हमारी विकास-समर्थक नीतियों और सुधारों के प्रभाव को दर्शाता है। यह हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और उद्यम को भी दर्शाता है। हमारी सरकार सुधारों को आगे बढ़ाना और प्रत्येक नागरिक के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ को मजबूत करना जारी रखेगी।” — नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री