गृह मंत्रालय ने अवैध प्रवासियों और विदेशियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत इमिग्रेशन ब्यूरो को व्यापक अधिकार दिए गए हैं, जिससे अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान और निष्कासन में तेजी आएगी। यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और फर्जी वीजा व पासपोर्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।
नए नियमों के अनुसार, विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश और रहने के लिए वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इमिग्रेशन ब्यूरो को अब स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर संदिग्ध विदेशियों की जांच करने का अधिकार होगा। इसके अलावा, अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेने और निर्वासन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता
इन नियमों का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देना और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाना है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फर्जी वीजा और पासपोर्ट के मामलों में वृद्धि के बाद यह निर्णय लिया गया। ब्यूरो को तकनीकी संसाधनों और डेटाबेस के उपयोग से विदेशियों की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, सीमा क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं।
नियमों पर मिश्रित प्रतिक्रिया
नागरिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इन नियमों पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने इसे सुरक्षा के लिए जरूरी बताया, जबकि अन्य ने आशंका जताई कि इससे वैध प्रवासियों को भी परेशानी हो सकती है। गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि नए नियमों का पालन करते हुए केवल अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को निशाना बनाया जाएगा। यह कदम भारत को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।





