Ganesh Baraiya Success Story : कहते हैं जब सफलता पानी का जज्बा मन में हो, तो रंग, रूप, कद कोई माइने नहीं रखता, बल्कि इसके लिए आपके हौसला बुलंद होना चाहिए। फिर पूरी कायनात उसे सक्सेस करने में लग जाती है। हालांकि, इसके लिए आपको भी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है ऐसा ही एक हौसला गुजरात के रहने वाले गणेश बरैया ने कर दिखाया है, जिनकी लंबाई मात्र 3 फिट है लेकिन वह शुरू से ही डॉक्टर बनना चाहते थे और अब वह देश ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे कम हाइट वाले डॉक्टर बन चुके हैं। आइए जानते हैं उनकी दिलचस्प सक्सेस स्टोरी…

गोरखी गांव में हुआ जन्म
गणेश बरैया गुजरात में भावनगर जिले के तळाजा तालुका के गोरखी गांव के रहने वाले हैं। जिन्हें अक्सर हाइट छोटी होने के कारण लोगों की बातें सुननी पड़ती थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 23 साल की उम्र में भी उनका वजन मात्र 18 किलो है, जिन्होंने केवल गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। बता दें कि गणेश ने भावनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री हासिल की। जिसके बाद 5 मार्च से उन्होंने अपनी इंटर्नशिप शुरू कर दी है। हालांकि, इस सफर को तय करना इतना आसान नहीं रहा है। इसके लिए उन्हें काफी मुश्किल परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ा था, लेकिन कहते हैं ना जहां चाह है, वहीं राह है।
खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
दरअसल, जब गणेश मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते थे, तब मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (MCI) ने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी क्योंकि उन्हें यह भरोसा नहीं था कि इतने कम हाइट और वजन वाले बरैया डॉक्टर बनने में समर्थ है। जिस कारण गणेश को MIC समिति द्वारा शारीरिक स्थिति का हवाला देते हुए उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया गया। इस बात से गणेश काफी दुखी हुए। साथ ही हार ना मानते हुए उन्होंने इस संबंध पर कई लोगों से बातचीत कर उनसे राय ली और गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां से भी उन्हें कोई खास मदद नहीं मिली। जिसके बाद वह उच्च न्यायालय जा पहुंचे। वहीं, आखिरकार साल 2018 में कोर्ट द्वारा बरैया के हित में फैसला सुनाया गया। इस तरह उन्हें मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने की अनुमति मिल गई।
दोस्त ने किया स्पोर्ट
यहां से उनकी यात्रा शुरू हुई। मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के बाद शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई क्योंकि सभी को गणेश पर ज्यादा अटेंशन देना पड़ता था। गणेश बाकी छात्रों के मुकाबले पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देते थे। उन्हें कोई भी चीज बहुत जल्दी समझ में आ जाती थी। वहीं, उनके दोस्त हर चीज में उनकी मदद किया करते थे। केवल इतना ही नहीं, हर सिचुएशन में उनके साथ भी खड़े रहते थे। फिलहाल, गणेश की सफलता से मेडिकल कॉलेज के सारे शिक्षक और उनके फ्रेंड्स काफी ज्यादा खुश हैं। कॉलेज के डीन डॉक्टर हेमंत मेहता ने बताया कि यह उनके लिए गौरव की बात है कि गणेश ने हार ना मानते हुए अपने सपनों को पूरा किया है। साथ ही कॉलेज का नाम ऊंचा किया है।
लोगों के लिए बने उदाहरण
उनकी यह संघर्ष भरी कहानी आज लोगों के लिए एक उदाहरण बन गई है। इन दिनों वह चर्चा का विषय बने हुए हैं। बता दें कि उनकी इंटर्नशिप अगले साल यानी मार्च, 2025 में पूरी हो जाएगी। आज वह उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक बन गए हैं जो ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं, जो शारीरिक रूप से एक नॉर्मल व्यक्ति यानी हाइट, वजन आदि में समान नहीं है, उन सभी के लिए यह एक बहुत बड़ी सीख है। यदि आपके मन में कुछ पाने की ख्वाहिश हो और आप उसके लिए जी तोड़ मेहनत करें, तो आप उसे चीज को अवश्य पा सकते हैं। गणेश की सफलता से उनके परिवार में खुशी का माहौल है।





