भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर दो सप्ताह के मिशन के बाद नई दिल्ली लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। रविवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और कई नागरिकों ने उनकी वापसी का स्वागत किया। लोकसभा में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और शुक्ला के ऐतिहासिक मिशन पर विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी, जो भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नए मील का पत्थर का प्रतीक है।
यह चर्चा आईएसएस पर भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री 2047 तक विकसित भारत के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका विषय पर होगी। यह सत्र संसद में चल रहे गतिरोध को समाप्त करने और भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को राष्ट्रीय गौरव के रूप में उजागर करने का अवसर प्रदान करेगा। शुक्ला जून-जुलाई में अपने मिशन के दौरान आईएसएस पर गए थे और 16 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे। वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए चार दशकों बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में शामिल हुए।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना
शभांशु शुक्ला का मिशन भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में शुक्ला की उपलब्धि की सराहना की और कहा कि यह मिशन नई पीढ़ी को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने इस मिशन को गगनयान कार्यक्रम के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।
शुभांशु शुक्ला के मिशन की प्रशंसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में शुक्ला के मिशन की प्रशंसा की और कहा कि यह भारत के आत्मनिर्भर अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्रतीक है। अंतरिक्ष विभाग ने इस मिशन को रणनीतिक महत्व का बताया और इसे भारत के मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक गंभीर दावेदार के रूप में उभरने की दिशा में एक कदम माना। यह सत्र भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालेगा।





