नई दिल्ली| भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाने वाले राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप अंबाला एयरबेस पहुंच गई है।हरियाणा के अंबाला एयरबेस में बुधवार को राफेल विमान लैंड हुए, जहां उनका स्वागत वाटर सैल्यूट के साथ किया गया| इस दौरान वायुसेना चीफ आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहे| विमानों के अंबाला एयरबेस पर पहुंचने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि विमान अंबाला में सुरक्षित तरीके से उतर गए हैं| राफेल लड़ाकू विमानों का भारत में आना हमारे सैन्य इतिहास में नए युग की शुरूआत है|
फ्रांस से मिलने वाली राफेल विमानों की ये पहले खेप है| इन विमानों ने मंगलवार को फ्रांस से उड़ान भरी थी, जिसके बाद ये UAE में रुके और बुधवार दोपहर को अंबाला पहुंचे| स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किलोमीटर है। राफेल की अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और 3700 किलोमीटर तक मारक क्षमता है। राफेल लड़ाकू विमानों को खासतौर पर भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है।
इसमें भारतीय परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए हेल्मेट माउंटेड साइट, रडार चेतावनी रिसीवर, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक सिस्टम, जैमर, उच्च ऊंचाई वाले ठिकानों से संचालन के लिए कोल्ड इंजन जैसे फीचर्स लगाए गए हैं।राफेल विमान को वायुसेना की गोल्डन ऐरो 17 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा. इसने कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी और भारत की सबसे पुरानी स्क्वाड्रन में से एक है|
The Touchdown of Rafale at Ambala. pic.twitter.com/e3OFQa1bZY
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) July 29, 2020
The Birds have landed safely in Ambala.
The touch down of Rafale combat aircrafts in India marks the beginning of a new era in our Military History.
These multirole aircrafts will revolutionise the capabilities of the @IAF_MCC.
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) July 29, 2020
राफेल की खासियत
– ऊंचे इलाकों में भी लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम का भार उठाकर उड़ने में सक्षम है। इसकी अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 किमी. प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर हैराफेल में भारतीय वायुसेना के हिसाब से बदलाव भी किए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राफेल में लो बैंड जैमर्स, राडार वार्निंग रिसीवर्स, इजरायली हेलमेंट माउंटेड डिस्प्ले, इन्फ्रा रेड सर्च ट्रैकिंग सिस्टम और 10 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकार्डिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
– एक विमान को बनाने में 70 मिलियन की लागत आती है। इस विमान की लंबाई 15.27 मीटर होती है और इसमें एक या दो पायलट ही बैठ सकते हैं राफेल विमान की भार वहन क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलो तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है।
– राफेल की 15.27 मीटर लंबा और 5.3 मीटर ऊंचा है. इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है राफेल 2,223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है। राफेल दो इंजन वाला फाइटर जेट है राफेल मिटिऑर और स्काल्प मिसाइलों से लैस है जो जमीन से हवा में मारने भी सक्षम है. राफेल की स्काल्प की रेंज करीब 300 किलोमीटर है।राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है. जिससे दुश्मन के विमान को पता चले बिना भारतीय वायुसेना उन्हें देख पाएगी. एक साथ 40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बना देता है।