आज भी अंग्रेजो के कब्जे में हैं भारत की ये Railway Line, चुकानी पड़ती हैं करोड़ों की रॉयल्टी

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Railway Line

Railway Line : अंग्रेजों के भारत आने के बाद ही देश में ट्रेन का आगमन हुआ। ये सुविधा इसलिए शुरू की गई ताकि आसानी से यहां से लुटा हुआ सामान ब्रिटिश बंदरगाहों तक पहुंचाया जा सके। मौजूदा समय में भारत में हजारों रेल लाइन मौजूद हैं। देश में करीब 7 हजार से ज्यादा रेलवे स्टेशन आज के वक्त में मौजूद है। अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई ये सुविधा आजादी के बाद भारतीय रेलवे के नाम से पहचानी जाने लगी।

इसमें कई बदलाव भी किए गए। समय के साथ भारतीय रेलवे को खास रूप दिया गया। लेकिन अभी भी कुछ रेल लाइन अंग्रेजों के कब्जे में है। जी हां, आप ये जानकार हैरान हो गए होंगे और ये सोच रहे होंगे की आखिर ऐसा क्यों और कैसे? तो आपको बता दे, आज भी हर साल अंग्रेजों को करोड़ों रुपए की रॉयल्टी दी जाती है वो भी सिर्फ रेल लाइन के लिए। चलिए जानते है उस रेल लाइन के बारे में विस्तार से –

जानें कहा है ये Railway Line :

अंग्रेजों के कब्जे में जो रेल लाइन है उसे शकुंतला रेल ट्रैक कहा जाता है। महाराष्ट्र के यवतमाल से अचलपुर के बीच ये स्थित हैं। ये ट्रैक 190 किलोमीटर लंबा है। शकुंतला पैसेंजर इस ट्रैक पर चलती हैं। यहां के स्थानीय लोग इसमें सबसे ज्यादा सफर करते हैं। कई बार इस रेल लाइन को भारत सरकार ने खरीदने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। आज भी ये रेल लाइन अंग्रेजों के कब्जे में ही हैं।

आज भी इसके लिए सरकार को करोड़ों की रॉयलिटी चुकानी पड़ती हैं। अभी ये रेलवे ट्रैक एक ब्रिटिश कंपनी के मालिकाना अधिकार में आता है। इसके लिए हर साल करोड़ों की रॉयलिटी ब्रिटेन की क्लिक निक्सन एंड कंपनी की भारतीय इकाई, सेंट्रल प्रोविजंस रेलवे कंपनी को चुकाती हैं। फ़िलहाल अभी ये यहां चलने वाली ट्रेन बंद पड़ी हुई है। लेकिन आज भी पर्यटक इस रेलवे ट्रेक को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

 


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Ayushi Jain

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