Sat, Dec 27, 2025

एक IAS ऑफिसर को मिलती है इतनी सैलरी, गाड़ी-बंगले के अलावा दी जाती है ये सारी लग्जरी सुविधाएं

Written by:Pooja Khodani
Published:
एक IAS ऑफिसर को मिलती है इतनी सैलरी, गाड़ी-बंगले के अलावा दी जाती है ये सारी लग्जरी सुविधाएं

IAS SALARY/ALLOWANCE/FACILITY : UPSC सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा माना जाता है। इस परीक्षा के जरिए उम्मीदवारों को IAS, IPS, IFS, IRS जैसे पदों पर चयन किया जाता है और फिर उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिलता है।इन सभी अधिकारियों के बीच सबसे ज्‍यादा चर्चा आईएएस के पद को लेकर होती है।

IAS सबसे ऊंचा  और पावरफुल पद माना जाता है,क्योंकि एक आईएस डीएम (District Magistrate) से लेकर कैबिनेट सेक्रेटरी तक के पद पर काम करता हैं। कैबिनेट सेक्रेटरी सबसे बड़ा ऊंचा पद होता है, ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि एक जिला कलेक्टर या किसी अन्य पद पर तैनात किसी आईएएस अफसर को कितनी सैलरी और क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं।

IAS बनने के बाद मिलती है इतनी सैलरी और ये सुविधाएं

  1. IAS ऑफिसर उच्च श्रेणी के अधिकारी होते हैं, जिन्हें सातवें वेतनमान के तहत सैलरी दी जाती है।
  2. एक IAS ऑफिसर की सैलरी 56,100 रुपए महीने से लेकर 2,25,000 तक होती है।
  3. सभी भत्ते मिलाकर एक आईएएस अधिकारी को शुरुआती दिनों में कुल 1 लाख रुपये प्रतिमाह से ज्यादा सैलरी मिलती है।
  4. एसडीएम, अंडर सेक्रेटरी, असिस्टेंट सेक्रेटरी के पद पर 56100 रुपये, एडीएम, डिप्टी सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी के पद पर 67700 रुपये, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर 78800 रुपये दिए जाते है।
  5. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर के पद पर 118500 रुपये, डिविजनल कमिश्नर, सेक्रेटरी कम कमिश्नर, जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर 144200 रुपये, डिविजनल कमिश्नर, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर 182200 रुपये मिलते है।
  6. एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद पर 205400 रुपये, चीफ सेक्रेटरी और सेक्रेटरी के पद पर 225000 रुपये, कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर 250000 रुपये की बेसिक सैलरी मिलती है।

भत्तों-अन्य सुविधाओं का भी लाभ

  1. सैलरी के अलावा IAS को स्वास्थ, आवास, यात्रा समेत कई तरह की सुविधाओं के लिए पैसा भत्ते के रूप में दिया जाता है।
  2. एक आईएएस अधिकारी को सैलरी के अलावा अलग-अलग पे-बैंड के हिसाब से अन्य लग्जरी सुविधाएं भी मिलती हैं।
  3. एक आईएएस अधिकारी को बेसिक सैलरी के अलावा डियरनेस अलाउंस (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA), सब्सिडाइज्ड बिल, मेडिकल अलाउंस और कन्वेंस अलाउंस दी मिलती है।
  4. पे-बैंड के आधार पर एक आईएएस अधिकारी को घर, सिक्योरिटी, कुक और अन्य स्टाफ समेत कई सुविधाएं भी मिलती हैं।
  5. आईएएस अधिकारी को कहीं आने-जाने के लिए गाड़ी और ड्राइवर की भी सुविधा दी जाती है।
  6. पोस्टिंग के दौरान कहीं जाने पर ट्रैवल अलाउंस के अलावा वहां सरकारी घर भी दिया जाता है।
  7. इन अधिकारियों को मुफ्त में या फिर अधिक सब्सिडी पर बिजली और टेलिफोनिक सेवाएं मिलती है।

कैसे बनते है आईएएस, क्या है पूरी प्रक्रिया

  1. आईएएस बनने के लिए सबसे पहले यूपीएससी की परीक्षा पास करनी होती है।इसके बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्राप्त रैंक के अनुसार इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) पोस्ट मिलती है।
  2. इस परीक्षा में टॉप रैंक वालों को आईएएस पोस्ट मिलता है, वही टॉप रैंक पाने वाले IPS या IFS का विकल्प चुनते हैं, तो निचली रैंक प्राप्त करने वालों को IAS की पोस्ट मिल जाती है।
  3. चयनित होने के बाद IAS की 3 महीने की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी में ही होती है, जिसे फाउंडेशन कोर्स भी कहते हैं।
  4. LBSNAA में एडमिस्ट्रेशन, पुलिसिंग व गवर्नेंस के हर सेक्टर की जानकारी दी जाती है और कुछ एक्टिविटीज भी कराई जाती हैं, जिसमें मेंटल और फिजिकल स्ट्रेंथ के लिए हिमालय की कठिन ट्रैकिंग भी शामिल किया जाता है।
  5. ट्रेनिंग के बाद उन्हें उनके कैडर में भेज दिया जाता है, जहां पर उन्हें किसी विशेष क्षेत्र या विभाग का प्रशासन सौंपा जाता है।
  6. विभाग सौंपने के बाद उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव बनाने व सरकारी नीतियों को लागू करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए कार्यकारी शक्तियां दी जाती हैं।
  7. आईएएस अधिकारी की पहली पोस्टिंग सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के रूप में मिलती है। इसके बाद उन्‍हें जिला मजिस्ट्रेट और उपायुक्त के पोस्‍ट पर प्रमोशन मिलता है।
  8. एक आईएएस जिला स्‍तर पर कार्य करने के अलावा एक कैबिनेट सचिव के साथ-साथ संयुक्त सचिव, उपसचिव और अवर सचिव के रूप में भी कार्य करता है।
  9. एक आईएस के पास जिले के सभी विभाग की जिम्मेदारी होती है. वह जिलाधिकारी के रूप में पुलिस विभाग के साथ साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है।
  10. डिस्ट्रिक्ट की पुलिस व्यवस्था की जिम्मेदारी भी जिलाधिकारी के पास ही होती है। जिले में निषेधाज्ञा, धारा 144 इत्यादि लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी निर्णय एक डीएम ही लेता है।
  11. आईएएस अधिकारियों को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग व कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय नियंत्रित करती है।

नोट – यह सभी जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से जुटाई गई है, इसमें फेरबदल भी हो सकता है।