जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास बुधवार सुबह एक मुठभेड़ हुई, जिसमें भारतीय सेना ने दो संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन को ऑपरेशन शिवशक्ति नाम दिया गया है। सेना के व्हाइट नाइट कोर ने बताया कि सतर्क सैनिकों ने मंगलवार देर रात डेगवार सेक्टर के मालदीवालन क्षेत्र में आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस कार्रवाई में तीन हथियार भी बरामद किए गए हैं।
यह मुठभेड़ हाल ही में हुए ऑपरेशन महादेव के कुछ दिनों बाद हुई, जिसमें पहलगाम हमले के तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में इसकी जानकारी दी। पहलगाम के बैसारन घाटी में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी, जो 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक हमला था।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी
भारतीय सेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी सीमा पार करने की कोशिश कर सकते हैं। इसके बाद सैनिकों ने घात लगाकर हमला किया। आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू की, जिसके जवाब में कई घंटों तक चली मुठभेड़ में दोनों आतंकवादी मारे गए। सेना ने इसे एक सफल घुसपैठ-रोधी कार्रवाई बताया।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की सतत लड़ाई
यह ऑपरेशन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की सतत लड़ाई का हिस्सा है। पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमले किए थे। भारतीय सेना की यह कार्रवाई क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।





