इंडियन आर्मी अपनी ताकत और आधुनिक तकनीक के लिए जानी जाती है, और इसके हेलिकॉप्टर्स इस ताकत का बड़ा हिस्सा हैं। सेना के पास कई तरह के हेलिकॉप्टर्स हैं, लेकिन सबसे पावरफुल में AH-64E अपाचे और CH-47 चिनूक शामिल हैं। अपाचे एक अटैक हेलिकॉप्टर है, जो दुश्मनों पर सटीक हमला करने में माहिर है, जबकि चिनूक एक हैवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर है, जो भारी सामान और सैनिकों को ट्रांसपोर्ट करता है। इन दोनों ने इंडियन आर्मी की ताकत को कई गुना बढ़ा दिया है। आइए, इन दोनों हेलिकॉप्टर्स की ताकत और खासियत को विस्तार से जानते हैं।
अपाचे ने सेना को एक ऐसा अटैक हेलिकॉप्टर दिया है, जो दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से नष्ट कर सकता है, खासकर ऊंचे पहाड़ी इलाकों में। दूसरी ओर, चिनूक ने सेना की लॉजिस्टिक कैपेसिटी को बढ़ाया है, जिससे सैनिकों और हथियारों को तेजी से बॉर्डर तक पहुंचाया जा सकता है। इन दोनों हेलिकॉप्टर्स ने इंडियन आर्मी को हर तरह के हालात में लड़ने की ताकत दी है, चाहे वह जंगल हो, पहाड़ हो, या रेगिस्तान। इनके अलावा, इंडियन आर्मी के पास HAL के डिजाइन किए गए हेलिकॉप्टर्स जैसे ध्रुव, प्रचंड, और रुद्रा भी हैं, लेकिन अपाचे और चिनूक अपनी ताकत और टेक्नोलॉजी में सबसे आगे हैं। ये हेलिकॉप्टर्स इंडियन आर्मी को दुश्मनों पर बड़ी स्ट्राइक करने की ताकत देते हैं।

AH-64E अपाचे इंडियन आर्मी का सबसे खतरनाक अटैक हेलिकॉप्टर
इंडियन आर्मी ने हाल ही में अपने पहले अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन को शुरू किया है, और यह AH-64E अपाचे मॉडल है। यह हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे एडवांस अटैक हेलिकॉप्टर्स में से एक है। अपाचे को अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है, और इसे 2019 में इंडियन आर्मी में शामिल किया गया था। सेना के पास अब तक 28 अपाचे हेलिकॉप्टर्स हैं, जिन्हें नागटलाओ आर्मी बेस पर 451st आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में तैनात किया गया है। इसकी खासियत इसकी सटीकता और ताकत है। यह हेलफायर मिसाइल्स, रॉकेट्स, और 30mm चेन गन से लैस है, जो दुश्मन के टैंकों और बंकरों को आसानी से नष्ट कर सकता है। इसकी टॉप स्पीड 293 किमी/घंटा है, और यह रात में भी ऑपरेट कर सकता है। अपाचे का रडार सिस्टम इतना एडवांस है कि यह दुश्मन को दूर से ही डिटेक्ट कर सकता है। यह हेलिकॉप्टर ऊंचे पहाड़ी इलाकों और जंगलों में लड़ने की ताकत देता है।
CH-47 चिनूक हैवी-लिफ्ट में सबसे ताकतवर हेलिकॉप्टर
CH-47 चिनूक इंडियन आर्मी का एक और पावरफुल हेलिकॉप्टर है, जो हैवी-लिफ्ट ऑपरेशंस के लिए जाना जाता है। इसे भी बोइंग ने बनाया है, और इंडियन आर्मी में इसे 2019 में शामिल किया गया था। चिनूक की सबसे बड़ी खासियत इसकी लिफ्टिंग कैपेसिटी है, यह 10 टन तक का वजन उठा सकता है, जिसमें भारी हथियार, वाहन, और सैनिक शामिल हैं। इसकी टॉप स्पीड 310 किमी/घंटा है, और यह ऊंचे पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से ऑपरेट कर सकता है। चिनूक का डिजाइन ऐसा है कि इसमें दो रोटर हैं, जो इसे ज्यादा स्टेबिलिटी देते हैं। इंडियन आर्मी ने इसे खास तौर पर लद्दाख जैसे ऊंचे इलाकों में तैनात किया है, जहां यह सैनिकों और सामान को तेजी से पहुंचाता है। चिनूक ने 2020 में लद्दाख में भारत-चीन टेंशन के दौरान भी अहम रोल निभाया था। यह हेलिकॉप्टर सेना की लॉजिस्टिक ताकत को बढ़ाता है।