भारतीय रक्षा प्रमुख (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान की ओर से होने वाली किसी भी हिंसा, चाहे वह सरकार की हो या आतंकवादियों की, का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा। दिल्ली में सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज (CENJOWS) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने पाकिस्तान के पूर्ण-स्पेक्ट्रम निरोध सिद्धांत को चुनौती देने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान में कहीं भी छिप नहीं सकते और सेना को हर समय, पूरे साल उच्च स्तर की तैयारी रखनी होगी।
जनरल चौहान ने बताया कि अब युद्ध और शांति का अंतर कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि सेना को पारंपरिक और परमाणु युद्ध के बीच बेहतर रणनीति बनानी होगी। इसके लिए भारतीय सेना को दूर के स्थिर और चलते-फिरते लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता विकसित करनी होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि परमाणु सिद्धांत पर भरोसा और तकनीकी रूप से दुश्मन से आगे रहना सेना के लिए नए नियम होंगे।
बेहतर तालमेल की जरूरत पर जोर
सीडीएस ने नई तकनीकों को जल्दी अपनाने और थल, जल, वायु सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत पर जोर दिया। जनरल चौहान ने कहा कि युद्ध की बदलती प्रकृति से निपटने के लिए पुरानी व्यवस्थाओं को बदलना होगा और एक खास भारतीय युद्ध शैली बनानी होगी, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक हथियारों का मिश्रण हो। उन्होंने एकीकृत और बहु-क्षेत्रीय युद्ध रणनीतियों पर काम करने की सलाह दी।
मैन्ड-अनमैन्ड टीमेंग पर शोध पत्र
इस कार्यक्रम में भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत की याद में मैन्ड-अनमैन्ड टीमेंग पर एक शोध पत्र जारी किया गया। साथ ही, CENJOWS की पत्रिका ‘सिनर्जी’ का अगस्त 2025 अंक भी लॉन्च हुआ, जिसमें वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर लेख शामिल हैं। यह आयोजन राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य के युद्धों की चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक कदम है।





