Fri, Dec 26, 2025

ये है भारतीय रेलवे की सबसे लंबी ट्रेन, कोच को ग‍िनते हुए थक जाएंगी आंखे

Written by:Sanjucta Pandit
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इसके अलावा, रेल मंत्रालय द्वारा समय-समय पर रेलवे नियमों में बदलाव भी किया जाता है। वहीं, रेलवे प्लेटफार्म को भी रीडेवलप्ड किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को आत्याधुनिक सुविधा मिल सके।
ये है भारतीय रेलवे की सबसे लंबी ट्रेन, कोच को ग‍िनते हुए थक जाएंगी आंखे

Rani Kamlapati-Danapur-Rani Kamlapati on the occasion of Chhath Puja

India Longest Train : दुनिया में भारतीय रेलवे का नेटवर्क चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। यहां रोजाना लाखों यात्री सफर करते हैं। यह एक छोर से दूसरे छोर तक लोगों को जोड़ने का काम करता है। इससे देश की आर्थिक व्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। रेलवे डिपार्टमेंट में लोगों को न केवल रोजगार मिलता है, बल्कि यह व्यापारियों के लिए भी सामान एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने का बेहतरीन माध्यम माना जाता है। इसके लिए अलग से बजट भी पेश किया जाता है।

लाखों यात्री करते हैं सफर

इसके अलावा, रेल मंत्रालय द्वारा समय-समय पर रेलवे नियमों में बदलाव भी किया जाता है। वहीं, रेलवे प्लेटफार्म को भी रीडेवलप्ड किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को आत्याधुनिक सुविधा मिल सके। ऐसे में भारतीय रेलवे का रिकॉर्ड दुनिया के लंबे प्लेटफार्म में भी है। ऐसे में आज हम आपको देश की सबसे लंबी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद बहुत ही कम लोगों को पता होता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरे देश में रोजाना 13,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है। इसमें करोड़ों यात्री सफर करते हैं।

सबसे लंबी ट्रेन

देश की सबसे लंबी ट्रेन की बात करें तो, आप इसके कोच गिनते-गिनते थक जाएंगे। इसकी लंबाई 3.5 किलो मीटर है। इस ट्रेन का नाम सुपर वासुकी है, जिसमें कुल 295 कोच है। जिसे 6 इंजन मिलकर खींचते हैं। जब भी यह किसी रेलवे क्रॉसिंग से गुजरती है, तो पुरी ट्रेन को वहां से पार होने में बहुत लंबा समय लग जाता है। दरअसल, यह एक मालगाड़ी है जोकि अलग-अलग हिस्सों में खदानों से निकलने वाले कोयले को बिजली घर तक पहुंचाती है। इस ट्रेन का संचालन छत्तीसगढ़ के कोरबा से नागपुर के राजनंदगांव तक होता है, जिसमें 27,000 टन कोयला पहुंचाया जाता है। यह ट्रेन अपने सफ़र को 11 घंटे 20 मिनट में तय करती है। जब यह ट्रेन चलती है, तो यह बिल्कुल सांप की तरह नजर आती है। इस ट्रेन का नाम भी भगवान शिव के गले में विराजमान वासुकी नाग के नाम पर रखा गया है।