खुशखबरी! जल्द टाटानगर से वाराणसी के बीच चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, ऐसा रहेगा शेड्यूल-रूट

Pooja Khodani
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Vande Bharat train

Vande Bharat Train : झारखंड को एक वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है। ये वंदे भारत एक्सप्रेस झारखंड को बिहार होते हुए उत्तर प्रदेश से जोड़ेगी। यह झारखंड की औद्योगिक नगरी टाटानगर से उत्तर प्रदेश के वाराणसी के बीच चलाई जाएगी, जो महज 7 घंटे 50 मिनट में 574 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।इसको लेकर रेलवे की ओर से आधिकारिक तौर पर टाइम टेबल जारी कर दिया गया है, हालांकि इसका परिचालन कब से होगा, इसकी कोई तिथि रेलवे ने जारी नहीं की है।

8 घंटे से भी कम समय में तय करेगी दोनों शहरों की दूरी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो टाटा-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस 7 घंटे 50 मिनट में 574 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस ट्रेन की औसत स्पीड 73.3 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। टाटा-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस में आठ कोच लगे होगे।इसमें कुछ कोच स्लीपर के भी लगेंगे।  संभावना है कि नवंबर के आखिरी हफ्ते या फिर दिसंबर के पहले हफ्ते से इस ट्रेन को शुरू किया जा सकता है।इससे पहले रांची -पटना और रांची-हावड़ा रूट पर वंदे भारत को शुरू किया गया था।

ऐसा रहेगा शेड्यूल

  • टाटा से वाराणसी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 6 बजे प्रस्थान करेगी। पुरूलिया में सुबह 7.18 आगमन और 7.20 प्रस्थान, बोकारो स्टील सिटी 8.23 आगमन और 8.25 प्रस्थान, गया 10.58 आगमन और 11.00 बजे प्रस्थान ,पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर दोपहर 1.07 में आगमन और 1.12 पर प्रस्थान और वाराणसी दिन के 1.50 मिनट पर पहुंचेगी।
  •  वापसी के क्रम में वाराणसी-टाटा वंदे भारत एक्सप्रेस वाराणसी स्टेशन से दोपहर 2.35 में प्रस्थान करेगी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय 3.02 में पहुंचकर 3.05 प्रस्थान , गया -5.08 आगमन और 5.10 प्रस्थान ,बोकारो स्टील सिटी शाम 7.38 आगमन और 7.40 प्रस्थान ,पुरूलिया रात 8.32 आगमन और 8.34 प्रस्थान रात के 10 बजे टाटानगर स्टेशन पहुंचेगी।
  • संचालन वाराणसी -टाटा वंदे भारत एक्सप्रेस का मार्ग पुरूलिया, बोकारो, गोमो, गया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के रास्ते होगा। टाटा से वाराणसी की दूरी 574 किलोमीटर की है। यह ट्रेन 7 घंटा 50 मिनट में इस दूरी को तय करेगी। इस ट्रेन की औसत स्पीड 73.3 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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