नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो बड़े परिचालन संकट से जूझ रही है, जिसके चलते मंगलवार से अब तक सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। शुक्रवार को स्थिति और भी गंभीर हो गई जब एयरलाइन ने दिल्ली हवाई अड्डे से आधी रात तक और मुंबई हवाई अड्डे से शाम 6 बजे तक अपनी सभी उड़ानें रद्द करने की घोषणा की। इस फैसले से लाखों यात्री हवाई अड्डों पर फंस गए हैं और उनमें भारी रोष है।
जानकारी के अनुसार, पायलटों की कमी और अन्य इंटरनल ऑपरेशन चुनौतियों के कारण यह संकट खड़ा हुआ है। हवाई अड्डों पर लंबी कतारें और यात्रियों की असहायता के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में एक पिता अपनी बेटी के लिए सैनिटरी पैड मांगता दिखा, लेकिन स्टाफ ने मदद करने से इनकार कर दिया।
विपक्ष का सरकार पर निशाना
इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने लिखा:
“इंडिगो का यह संकट इस सरकार के मोनोपली मॉडल की देन है। एक बार फिर, आम भारतीयों को देरी, रद्दीककैंसिलेशन, और हेल्पलेसनेस के रूप में कीमत चुकानी पड़ रही है। भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि मैच-फिक्सिंग वाले एकाधिकार का।” — राहुल गांधी
रिफंड और रीबुकिंग के लिए इंडिगो का ‘प्लान बी’
यात्रियों की भारी नाराजगी के बीच इंडिगो ने आश्वासन दिया है कि जिन यात्रियों की उड़ानें रद्द हुई हैं, वे पूरे रिफंड के हकदार हैं। यात्री चाहें तो बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के दूसरी उपलब्ध उड़ान में अपनी सीट बुक करा सकते हैं।
इसके लिए एयरलाइन ने अपनी वेबसाइट पर ‘प्लान बी’ का विकल्प दिया है। यात्री इसका उपयोग करके:
- किसी दूसरी उपलब्ध उड़ान का चयन कर सकते हैं।
- बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के रिफंड की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
एयरलाइन के मुताबिक, रिफंड की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशि आमतौर पर 7 कार्य दिवसों के भीतर मूल भुगतान विधि में वापस जमा कर दी जाती है। जिन यात्रियों ने ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से टिकट बुक किए हैं, उन्हें रिफंड के लिए संबंधित एजेंसी से संपर्क करना होगा।
DGCA के नियम: क्या हैं आपके अधिकार?
यात्रियों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों के तहत भी कुछ अधिकार मिलते हैं। ये नियम तब लागू होते हैं जब एयरलाइन यात्रियों को उड़ान रद्द होने की सूचना कम से कम 2 हफ्ते पहले देने में विफल रहती है।
मुआवजे का स्ट्रक्चर इस प्रकार है:
- 1 घंटे तक की उड़ानों के लिए: 5,000 रुपये (या मूल किराया + ईंधन शुल्क, जो भी कम हो)।
- 1 से 2 घंटे के बीच की उड़ानों के लिए: 7,500 रुपये (या मूल किराया + ईंधन शुल्क, जो भी कम हो)।
- 2 घंटे से अधिक की उड़ानों के लिए: 10,000 रुपये (या मूल किराया + ईंधन शुल्क, जो भी कम हो)।
यदि आपकी उड़ान 6 घंटे से अधिक लेट होती है या रद्द कर दी जाती है, तो आप वैकल्पिक उड़ान को अस्वीकार कर पूरा रिफंड मांग सकते हैं। यदि आपका दावा खारिज कर दिया जाता है, तो आप AirSewa पोर्टल या ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं।





