पूर्व मुख्यमंत्री और हिमाचल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोमवार सुबह दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए व्यापक नुकसान की जानकारी दी। जयराम ठाकुर ने बताया कि कई लोगों के घर ही नहीं उनकी जमीनें भी आपदा में बह गईं जिससे वे अब पूरी तरह बेघर हो गए हैं। उन्होंने पीएम से आग्रह किया कि ऐसे लोगों को बसाने के लिए वन संरक्षण कानून में रियायत दी जाए ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पुनः बसाया जा सके।
आपदा से जुड़े नुकसान की विस्तृत जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा से जुड़े नुकसान की विस्तृत जानकारी ली और राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएम से यह भी आग्रह किया गया कि पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए हिमाचल को ‘एरिया स्पेसिफिक’ राहत पैकेज दिया जाए ताकि खास तौर पर प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से काम शुरू हो सके। उन्होंने राज्य में बार-बार आ रही प्राकृतिक आपदाओं के कारणों के वैज्ञानिक अध्ययन की भी मांग की।
जयराम ठाकुर ने बताया कि हालिया आपदा में प्रदेश को 1200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। अकेले सराज विधानसभा क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की क्षति हुई है। 30 जून की रात सराज करसोग और नाचन क्षेत्रों में 42 लोगों की जान गई, जिनमें से 29 मौतें केवल सराज क्षेत्र में हुईं। इस त्रासदी में 500 से ज्यादा घर पूरी तरह बह गए, जबकि 1000 से अधिक मकान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उन्होंने बताया कि नाचन करसोग और धर्मपुर क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ है। धर्मपुर का स्याठी गांव पूरी तरह मिट्टी में दब गया और वहां के लोग आज भी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। ऐसे हालात में उन्होंने प्रधानमंत्री से फिर दोहराया कि प्रदेश को क्षेत्र विशेष राहत पैकेज तत्काल दिया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में मिले सहयोग के लिए धन्यवाद
जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री को आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में मिले सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही भविष्य में राज्य को इस तरह की आपदाओं से बचाने के लिए दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने की दिशा में भी केंद्र से मदद की अपेक्षा जताई।





