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Wed, Dec 17, 2025

भारत-यूरोपीय संघ के बीच मजबूत संबंधों पर जोर, जयशंकर ने जर्मन मंत्री संग बैठक के बाद बड़े बदलाव के दिए संकेत

Written by:Mini Pandey
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जयशंकर ने भारत-जर्मनी संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच और मजबूत हो रही है।
भारत-यूरोपीय संघ के बीच मजबूत संबंधों पर जोर, जयशंकर ने जर्मन मंत्री संग बैठक के बाद बड़े बदलाव के दिए संकेत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वैश्विक रणनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण और दूरगामी बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने भारत, यूरोपीय संघ (ईयू) और विशेष रूप से जर्मनी के बीच सहयोग को और गहरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल के साथ नई दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं और आर्थिक अस्थिरता भारत और ईयू के बीच मजबूत साझेदारी के लिए एक बहुत ही ठोस तर्क प्रस्तुत करती हैं।

जयशंकर ने जर्मनी के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की। उन्होंने कहा, “हम वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव देख रहे हैं। आर्थिक क्षेत्र में भी काफी अस्थिरता है। ये बदलाव भारत और जर्मनी के बीच गहरे, मजबूत और व्यापक संबंधों के लिए एक मजबूत आधार बनाते हैं।” उन्होंने कहा कि यह रिश्ता तेजी से विकास की संभावनाओं से भरा है। वाडेफुल मंगलवार को बेंगलुरु से अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा शुरू करने के बाद नई दिल्ली में वार्ता के लिए पहुंचे थे।

भारत-जर्मनी के कैसे संबंध

जयशंकर ने भारत-जर्मनी संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच और मजबूत हो रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 50 बिलियन यूरो तक पहुंच गया था। जर्मन मंत्री ने भी विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में व्यापार की मात्रा दोगुनी हो सकती है। इसके अलावा, जयशंकर ने कहा कि जर्मनी ने भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की वार्ता को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है।

आर्थिक दबावों का सामना

यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत को आर्थिक दबावों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद से जुड़े भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का हालिया निर्णय शामिल है। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि वैश्विक बदलावों के बीच भारत और जर्मनी के बीच सहयोग न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है और यह दोनों देशों के लिए पारस्परिक लाभकारी साबित हो सकता है।