विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और जयराम रमेश पर तंज कसते हुए उन्हें आत्म-घोषित चीन गुरु करार दिया। उन्होंने विपक्ष के चीन संबंधी आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोग उन्हें चीन के बारे में कम जानकार मानते हैं, जबकि वे 41 साल तक विदेश सेवा में रहे और चीन में सबसे लंबे समय तक राजदूत रहे। जयशंकर ने जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी चीन के प्रति इतनी मोहब्बत है कि उन्होंने चिंडिया शब्द गढ़ा। इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष में हंसी गूंज उठी।
जयशंकर का यह व्यंग्य जयराम रमेश द्वारा 2000 के दशक में गढ़े गए चिंडिया शब्द पर था, जिसका मतलब भारत और चीन के बीच सहयोग था। रमेश ने 2014 में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में कहा था कि चिंडिया एक पुराना विचार नहीं है, बल्कि दोनों देशों की सरकारें इसे आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और चीन को उन लोगों का शिकार नहीं बनना चाहिए जो उन्हें स्वाभाविक प्रतिद्वंद्वी मानते हैं।
चीन नीति को सतही बताया
जयशंकर ने अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी की भी आलोचना की जिन्होंने 2023 में लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री की चीन नीति को सतही बताया था। राहुल ने कहा था कि विदेश मंत्री को चीन की समझ नहीं है जिस पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। जयशंकर ने यह भी कहा कि एक चीन गुरु का कहना है कि चीन और पाकिस्तान बहुत करीब आ गए हैं। यह सही है, लेकिन इसका कारण यह है कि हमने पीओके की जमीन उनके बीच छोड़ दी।
संसद में कसा राजनीतिक तंज
यह बयान राज्यसभा में पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान आया। जयशंकर के बयान ने सदन में हल्के-फुल्के माहौल के साथ-साथ राजनीतिक तंज को भी उजागर किया। उनके इस कटाक्ष ने कांग्रेस नेताओं के पुराने बयानों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस को और हवा दी।





