सिंधिया का राहुल गांधी पर हमला, याद दिलाया सिख नरसंहार, बोले- उनके बयान भारत की छवि बिगाड़ रहे

राहुल गांधी ने एक सिख पत्रकार से उसका नाम पूछकर कहा कि लड़ाई इस बारे में है कि क्या एक सिख के तौर पर उन्हें भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी? क्या एक सिख के तौर पर उन्हें भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी? क्या फिर एक सिख गुरुद्वारा जा सकेगा। असल मायनों में लड़ाई इसी को लेकर है और सिर्फ इनके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।

Jyotiraditya Scindia Rahul Gandhi

Scindia’s attack on Rahul Gandhi: अमेरिका ने राहुल गांधी ने जो सिखों को लेकर बयान दिया उसने भारत में सियासी बवाल मचा दिया है, जिस सिख पत्रकार भलिंदर सिंह से उसका नाम पूछकर राहुल गांधी ने सिखों की धार्मिक आजादी के बारे में बातें की उसने ही बयान जारी कर उसे झूठा कह दिया, भारत का सिख समुदाय और भाजपा नेता राहुल गांधी पर हमलावर हैं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी पर करार प्रहार किया है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया का करार प्रहार 

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने X पर अंग्रेजी में एक पोस्ट लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि- कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रविरोधी मानसिकता और झूठ बोलने की क्षमता आज जनता के सामने आ गई है, वैसे तो कांग्रेस का इतिहास ही देश में दरार और विभाजन के बीज बोने का रहा है लेकिन राष्ट्र के प्रति  ताजा उपेक्षा और अनादर से पता चलता है कि पार्टी नए निचले स्तर तक जाने में सक्षम है।

सिंधिया ने राहुल गांधी को याद दिलाया सिख नरसंहार  

सिंधिया ने लिखा-  विभाजनकारी विचारधारा के साथ  राहुल गांधी हमारे वीर और देशभक्त सिख समुदाय के बारे में ज़बरदस्त झूठ फैला रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान ही हमारे सिख भाइयों और बहनों के खिलाफ भयानक हिंसक हमले और नरसंहार किए गए थे। उनके बयान इस बात की याद दिलाते हैं कि ‘सबसे पुरानी पार्टी’ अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है और हमारे देश की छवि को नष्ट कर सकती है।

अमेरिका में सिखों को लेकर ये कहा था राहुल गांधी ने 

वर्जीनिया में राहुल गांधी ने भारतीय समुदाय के लोगों से जिसमें सिख बड़ी संख्या में शामिल थे मुलाकात के दौरान कहा था कि आज असली लड़ाई सिर्फ़ राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह अधिक गहरी है। उन्होंने आगे की लाइन में बैठे एक सिख पत्रकार से उसका नाम पूछकर कहा कि लड़ाई इस बारे में है कि क्या एक सिख के तौर पर उन्हें भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी? क्या एक सिख के तौर पर उन्हें भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी? क्या फिर एक सिख गुरुद्वारा जा सकेगा। असल मायनों में लड़ाई इसी को लेकर है और सिर्फ इनके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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