अभिनेता और राजनेता कमल हासन ने अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए भारी टैरिफ की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे नया साम्राज्यवादी हथियार करार देते हुए प्रभावित उद्योगों और निर्यातकों के लिए तत्काल राहत की मांग की है। मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) के प्रमुख ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “ट्रंपेट, टैरिफ, साम्राज्य – सब शोरगुल, सब अस्थायी। भारत किसी के सामने नहीं झुकता।” उन्होंने 1925 के एक कार्टून का भी जिक्र किया, जो अमेरिका और भारत के बीच चल रहे टैरिफ विवाद के बीच फिर से चर्चा में है जिसमें चीन, भारत और अफ्रीका के उदय की भविष्यवाणी की गई थी।
हासन ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका ने एक बार फिर साबित किया है कि पश्चिमी वास्तविक राजनीति में सजा को अक्सर सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने कहा, “भारत ने सदियों तक साम्राज्यवादी लूट का सामना किया, लेकिन हम नहीं टूटे। अब टैरिफ नए साम्राज्यवादी हथियार के रूप में सामने आए हैं, जो प्रतिबंधों का छद्म रूप हैं।” उनका कहना था कि 50 प्रतिशत टैरिफ भारत के संकल्प को डिगाने के लिए लगाए गए हैं, जो व्यापार या यूक्रेन से संबंधित नहीं बल्कि एक राजनीतिक हथियार हैं। उन्होंने चीन के साथ अमेरिका के रवैये की तुलना करते हुए कहा कि भारत पर टैरिफ हथौड़े की तरह इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जबकि चीन पर ये आधे-अधूरे उपायों तक सीमित हैं।
श्रमिकों के साथ एकजुटता
कमल हासन ने तिरुप्पुर, सूरत, नोएडा के निर्यातकों, आंध्र प्रदेश के झींगा किसानों, गुजरात और महाराष्ट्र के रत्न और आभूषण उद्योग व देशभर के इस्पात श्रमिकों के साथ एकजुटता जताई। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से त्वरित कार्रवाई की मांग की जिसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए दो साल की ऋण चुकौती स्थगन, आपातकालीन क्रेडिट लाइन, निर्यात क्रेडिट का विस्तार, जीएसटी और रिफंड के लंबित भुगतानों को तुरंत मंजूरी देने की मांग शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने अस्थायी बिजली टैरिफ में रियायत, नए बाजारों तक पहुंच के लिए माल ढुलाई सहायता, सिंथेटिक यार्न के लिए उदार आयात नियम, निर्यात अनुपालन और रिफंड के लिए एकल-खिड़की प्रणाली और बाजार विविधीकरण पहल की मांग की।
संकट का जवाब कैसे देंगे
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस संकट का जवाब केवल अस्थायी उपायों से नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि इसे आने वाले दशक के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की स्थिति को मजबूत करने का एक आह्वान माना जाना चाहिए, जिसमें दुर्लभ पृथ्वी तत्व, सेमीकंडक्टर, बैटरी, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और उन्नत वस्त्र शामिल हैं। हासन ने कहा, “भारत की स्मृति लंबी है। हम अपने दोस्तों को उनके कार्यों से याद रखते हैं, न कि उनके शब्दों से। इस ऐतिहासिक मोड़ पर हमें एकता, साहस और दूरदृष्टि के साथ आगे बढ़ना होगा। भारतीय गणतंत्र और इसके नागरिक भारत को पहले रखने के लिए उपदेश नहीं सुनेंगे। भारतीय आत्मा ने साम्राज्यों को झेला है और टैरिफ को भी झेल लेगी।”





