हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट पर रात में विमानों की लैंडिंग की सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू को पत्र लिखकर विशेष वीएफआर (Visual Flight Rules) संचालन की अनुमति देने का आग्रह किया है। इस प्रस्ताव के तहत न्यूनतम दृश्यता सीमा को मौजूदा 5 किलोमीटर से घटाकर 2.5 किलोमीटर करने की मांग की गई है, ताकि खराब मौसम में भी विमान सुरक्षित रूप से उतर सकें और यात्रियों को रद्द उड़ानों की परेशानी से राहत मिल सके।
कांगड़ा एयरपोर्ट पर अब रात में भी होगी लैंडिंग?
वर्तमान में कांगड़ा एयरपोर्ट केवल दिन के समय ही संचालन में है, और उसमें भी खराब मौसम के कारण कई बार विमानों को लैंडिंग के बिना ही लौटना पड़ता है। इससे उड़ानें सीमित हो जाती हैं और पर्यटकों को असुविधा होती है। सरकार का मानना है कि यदि रात में लैंडिंग की सुविधा मिल जाती है तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने भी कहा कि इससे हवाई अड्डे की परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और यात्रियों को अधिक विकल्प मिलेंगे।
राज्य सरकार ने हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने का खाका भी तैयार किया है। इसमें आधुनिक रनवे लाइटिंग, बेहतर नेविगेशन सिस्टम, एडवांस हवाई यातायात नियंत्रण और मजबूत सुरक्षा उपाय शामिल हैं। ये सभी सुधार मिलकर रात में सुरक्षित लैंडिंग और पूरे साल निर्बाध संचालन को संभव बनाएंगे। अधिकारियों को उम्मीद है कि इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस जल्द ही दिल्ली के अलावा मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और चंडीगढ़ से भी उड़ानें शुरू करेंगी।
पर्यटन स्थलों के रूप में नई पहचान मिलेगी
इस पहल को स्थानीय व्यापारी, पर्यटन उद्योग और आम नागरिक क्षेत्रीय विकास के एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं। सरकार को विश्वास है कि बेहतर हवाई संपर्क से हिमाचल को देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में नई पहचान मिलेगी और राज्य की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी।





