भारत में इन दिनों गर्मी का मौसम चल रहा है। कुछ दिन बाद मानसून की एंट्री होगी और बरसात का मौसम आ जाएगा। वहीं, यहां घूमने-फिरने वाले लोगों की कमी नहीं है। वह हर मौसम में एडवेंचरस ढूंढते हैं। इस बारिश के मौसम में यदि आप भी कुछ नया एक्सपीरियंस करना चाहते हैं, तो आज हम आपको एक ऐसे प्लेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एंजॉय करने के लिए बेस्ट हो सकता है। यहां के नजारे आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे।
भारत का नक्शा यदि उठाकर देखा जाए, तो पूर्व से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक चारों दिशाओं में हमारे देश की सीमाएं फैली हुई हैं।

देश का सबसे मध्य बिंदु
आप सभी बहुत ही अच्छे से जानते होंगे कि देश की आखिरी सीमा बॉर्डर कहलाती है। इसके बाद दूसरे देश की सीमाएं शुरू हो जाती हैं। देश के बॉर्डर में इंडियन आर्मी द्वारा भारत के लोगों की रक्षा की जाती है, लेकिन आज हम आपको भारत का सबसे मध्य बिंदु बताएंगे। इसके बारे में जानना बेहद आवश्यक है।
करौंदी गांव
दरअसल, भारत का सबसे मध्य बिंदु स्थान मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है, जो कि कटनी जिले के करौंदी गांव को माना जाता है। देश का मध्य बिंदु होने के कारण यह गांव अपने आप में एक अलग ही पहचान रखता है। करीब 200 लोगों की आबादी वाला यह गांव बेहद खूबसूरत और शांत है।
आजादी से पहले कोई और थी जगह
बता दें कि भारत के आठ राज्यों से गुजरने वाली कर्क रेखा, करौंदी गांव से होकर ही गुजरती है, जिस कारण इसका भौगोलिक महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। हालांकि, आजादी से पहले भारत का मध्य बिंदु दूसरा था क्योंकि उस समय भारत का वर्गीकरण नहीं हुआ था, जिस कारण इसका क्षेत्रफल अधिक था। ऐसे में महाराष्ट्र राज्य के नागपुर जिले में जीरो माइल मार्कर के तौर पर जाना जाता था।
आप भी जाएं घूमने
इस गांव में 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भी जा चुके हैं, जिस कारण इस गांव में यहां उनकी एक स्मारक मिलती है। अधिकतर लोग देश का सबसे मध्य बिंदु होने के कारण इस गांव को एक्सप्लोर करने के लिए जाते हैं, जहां वह ग्रामीण जीवन शैली का आनंद उठाते हैं।