कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अलंद निर्वाचन क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं के नाम हटाने की कथित कोशिशें हुईं, जिससे संबंधित सभी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग ने कलाबुरगी के पुलिस अधीक्षक के साथ साझा कर दी है। यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उन आरोपों के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने ईसीआई पर वोट चोरों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। सीईओ ने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की ओर से दर्ज की गई थी, जो ईसीआई के अधीन कार्य करते हैं।
सीईओ कार्यालय ने बताया कि 6 सितंबर, 2023 को ईसीआई के निर्देश पर कलाबुरगी एसपी को सभी उपलब्ध जानकारी सौंप दी गई थी। इसमें आपत्तिकर्ता का विवरण, फॉर्म संदर्भ संख्या, आपत्तिकर्ता का नाम, ईपीआईसी नंबर, लॉग-इन के लिए उपयोग किया गया मोबाइल नंबर, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन, आईपी पता, आवेदन की तारीख और समय जैसी जानकारियां शामिल हैं। इसके अलावा, जांच की प्रगति की समीक्षा के लिए कर्नाटक सीईओ ने पुलिस के जांच अधिकारी और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ बैठकें भी की हैं।
6,018 वोटों को हटाने की कोशिश
राहुल गांधी ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि अलंद में 6,018 वोटों को हटाने की कोशिश की गई, जो संयोगवश पकड़ी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस समर्थकों के वोटों को व्यवस्थित रूप से हटाया जा रहा है। कर्नाटक सीआईडी की ओर से 18 महीनों में 18 पत्र भेजे गए, जिसमें आईपी पते और ओटीपी ट्रेल जैसी जानकारी मांगी गई, लेकिन ईसीआई ने यह जानकारी साझा नहीं की। सीईओ ने स्पष्ट किया कि सभी जरूरी सहायता और दस्तावेज जांच एजेंसी को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
6,018 फॉर्म 7 आवेदन प्राप्त हुए
सीईओ कार्यालय के अनुसार, अलंद के ईआरओ को दिसंबर 2022 में एनवीएसपी, वीएचए, और गरुड़ जैसे ऐप्स के माध्यम से 6,018 फॉर्म 7 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनकी जांच में केवल 24 आवेदन वैध पाए गए, जबकि 5,994 गलत थे। इसके आधार पर 24 आवेदनों को स्वीकार किया गया और 5994 को खारिज कर दिया गया। जांच के बाद अलंद पुलिस स्टेशन में 21 फरवरी, 2023 को एफआईआर दर्ज की गई।





