नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। प्रसिद्ध कथक नर्तक और पद्म विभूषण से सम्मानित 83 वर्षीय पंडित बिरजू महाराज (Birju Maharaj) का हार्ट अटैक (Heart Attack) से निधन हो गया है। बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी।पंडित बिरजू महाराज के निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है।पीएम नरेन्द्र मोदी समेत कई दिग्गज हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स, रविवार देर रात वे अपने पोते के साथ खेल रहे थे, तभी रात करीब 12:15-12:30 बजे उन्हें अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद परिजन उन्हें अस्पताल ले आए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे, हाल ही मेंउन्हें किडनी की बीमारी का पता चला था, जिसके बाद वे डायलिसिस पर थे।
पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उनके निधन पर शोक जताया है और ट्वीट कर लिखा है कि भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति! pic.twitter.com/PtqDkoe8kd
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2022
ऐसा रहा सफर
- लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था।
- इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था।
- महाराज कथक नर्तक होने के साथ साथ शास्त्रीय गायक भी थे।
- बिरजू महाराज के पिता अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे।उनका संबंध कथक नृतकों के महाराज परिवार से रहा है।
- बिरजू महाराज पंडित जी या महाराज जी के उपनाम से लोकप्रिय रहे । उन्हें देश के शीर्ष कथक नृतकों में से एक माना जाता था।
- लखनऊ के कत्थक घराने में पैदा हुए बिरजू महाराज का नाम देश के प्रसिद्ध कलाकारों में शुमार था।
- पिता के निधन के बाद उन्होंने अपने चाचा से कत्थक का प्रशिक्षण लिया।
- उनके पिता और गुरु अच्छन महाराज भी हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक के बड़े कलाकार थे। कथक नृत्य के जरिए सामाजिक संदेश देने के लिए बिरजू महाराज को हमेशा याद किया जाएगा।
- बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए डांस कोरियोग्राफ किया था।
- इन्होंने सत्यजीत राय की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में संगीत दिया था।
- बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला था।
- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी।