मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे ‘पूरी तरीके से बेवकूफ’ नहीं हैं, बल्कि उस से भी ज़्यादा समझदार हैं क्योंकि उन्हें भावनाओं से खेलना बखूबी आता है। उन्होंने कहा केजरीवाल के पास कई “डिग्रियां” हैं – लोगों की भावनाओं को कैसे आहत करना है, झूठ बोलना और ड्रामा करना ये सब उन्होंने सीख रखा है। पत्रकारों की माइक पर सीएम ने स्पष्ट कहा- उनके पास डिग्री है कि कैसे झूठ बोलकर भावनाओं से खेला जाता है।
डिग्रियों का मज़ाक: एक्टिंग, ड्रामा, झूठी कहानी
सीएम ने यह भी बताया कि केजरीवाल के पास ड्रामा कंपनी की ‘झूठ बोलने की डिग्री’ थी। उनका हर एक कदम बहुत सोचा समझा होता था – चाहे मफलर पहनना हो, टूटी चप्पल पहनना हो, भूखे रहना हो या खांसना हो, हर चीज का उनके पास कोई न कोई दिखावटी कारण होता था। उन्होंने कहा कि तिरंगे की छांव में रामलीला मैदान से जो कहानी शुरू की, उसे बीजेपी ने खत्म किया। लोग उन्हें देवता समझ बैठे, लेकिन वे सब स्क्रिप्टेड ड्रामा थे।
टिफिन रूम को फांसी रूम बनाया का कटाक्ष
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल ने टिफिन रूम जैसे मामूली स्थान को “फांसी रूम” बना दिया। वे खुद को भगत सिंह का वारिस बताते थे, लेकिन उनके काम मानो बिलकुल विपरीत थे। उन्होंने परोक्ष रूप से कहा कि जिस महाराज द्वार की बात वे करते थे, वही ‘शीश महल’ और ‘फांसी घर’ आज सिर्फ भ्रम बनकर रह गया। अगर उनके पास फांसी घर का एक भी सबूत होता, तो वे दिखाते।
जनता को भड़काना, झूठ बोलना- आदत रही है हमेशा
सीएम ने ये भी कहा कि केजरीवाल झूठ बोलने की बीमारी से जूझते आए हैं। वे जनता की भावनाओं का सहारा लेते हैं, लोगों को सहानुभूति में बांध लेते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी आदतों की सारी चमक पार्टी और केजरीवाल के भ्रमजाल का हिस्सा थी।
“उन्होंने शहीदों को शर्मिंदा किया, संविधान को ठुकराया – अगर कोई सबूत होता, वे जरूर पेश करते।” सीएम ने आगे कड़े कदम उठाने की मांग की – कहा कि केजरीवाल से एक हजार करोड़ वसूले जाने चाहिए, FIR दर्ज होनी चाहिए और जनता का पैसा वापस दिलाने की प्रक्रिया तेज होनी चाहिए।





