Lok Sabha Election 2024: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का चुनाव लड़ना तय, निर्वाचन आयोग ने नामांकन पर्चा को किया मंजूर, जानें किस सीट से है उम्मीदवार

पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल 2023 को पंजाब के मोगा जिले से गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उसे असम के डिब्रूगढ जेल में बंद कर दिया गया था।

Shashank Baranwal
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Amritpal Singh

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह ने नामांकन पर्चा दाखिल किया था, जिसको चुनाव आयोग ने बुधवार को मंजूर कर लिया है। अमृतपाल सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पंजाब राज्य के खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगा। आपको बता दें इस सीट पर मतदान लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में कराया जाएगा।

चुनावी हलफनामे में इतनी संपत्ति

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह वर्तमान में असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उसने जेल से ही बीते गुरूवार को नामांकन पर्चा भरा था। इस दौरान अमृतपाल सिंह ने अपने चुनावी हलफनामे में 1,000 रूपए बैंक बैलेंस बताया है, जोकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अमृतसर के रय्या, बाबा बकाला शाखा में है। वहीं, इस हलफनामे के मुताबिक अमृतपाल के पास और कोई भी चल या अचल किसी भी प्रकार की संपत्ति नहीं है।

पिछले साल अप्रैल हुआ था गिरफ्तार

‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह पिछले साल 23 फरवरी 2023 को अजनाला थाने में तलवारें और बंदूकों को लहराकर कब्जा करने की कोशिश की थी। वह अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई को लेकर अपने समर्थकों के साथ थाने में घुसकर पुलिस के साथ झड़प की थी। इसके बाद पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी। वहीं, पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल 2023 को पंजाब के मोगा जिले से गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उसे असम के डिब्रूगढ जेल में बंद कर दिया गया था। आपको बता दें अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसे तमाम गंभीर आरोप हैं।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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