NCERT की किताबों से संविधान के Preamble को हटाने पर भड़के खड़गे, BJP-RSS पर लगाये आरोप, मोदी सरकार को दी चेतावनी

BJP सरकार ने पराजय के बाद पहले अम्बेडकर जी, गांधी जी की प्रतिमा को हटाया। फिर संविधान से छेड़छाड़ की, लेकिन ऐसे बदलाव जनता स्वीकार नहीं करेगी। RSS-BJP अपनी सांप्रदायिक विचारधारा को देश पर थोपने के लिए पाठ्यक्रम के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। 

Jagdeep Dhankhar Mallikarjun Kharge

Kharge angry removal of Preamble of Constitution from NCERT books : कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज सदन में एनसीईआरटी की किताबों से संविधान की प्रस्तावना को हटाने पर सवाल उठाया, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को चेतावनी दी और कहा कि भाजपा और आरएसएस अपनी सांप्रदायिक विचारधारा को देश पर थोपने के लिए पाठ्यक्रम के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, इसे जनता स्वीकार नहीं करेगी।

राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान बोलने के लिए खड़े हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज एनसीईआरटी से जुड़ा एक मुद्दा उठाया, उन्होंने कहा – “NCERT की किताबों से संविधान के Preamble को हटाया गया है। किताबों में अब तक संविधान का Preamble छपता आया है। Preamble हमारे संविधान की आत्मा है। ये हमारे संविधान और लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांत, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे को दर्शाता है।”

ऐसे बदलाव जनता स्वीकार नहीं करेगी

खड़गे ने आगे कहा – “सभी इस बात से सहमत होंगे कि हमारे नागरिकों और भावी पीढ़ियों को स्वतंत्रता सेनानियों, संविधान निर्माताओं, संविधान के मूलभूत सिद्धांतों, मूल्यों और हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बारे में जानना ही चाहिए। BJP सरकार ने पराजय के बाद पहले अम्बेडकर जी, गांधी जी की प्रतिमा को हटाया। फिर संविधान से छेड़छाड़ की, लेकिन ऐसे बदलाव जनता स्वीकार नहीं करेगी। RSS-BJP अपनी सांप्रदायिक विचारधारा को देश पर थोपने के लिए पाठ्यक्रम के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। 

सभापति जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुआ हंसी मजाक 

इस दौरान सदन में शोर शराबा भी हुआ, सभापति जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच लाइटर नोट पर हंसी मजाक भी हुआ लेकिन खड़गे ने अपनी बात रखी, खड़गे जब पेपर दिखाने लगे तो सभापति ने उन्हें टोका और कहा ये नियम विरुद्ध है लेकिन खड़गे ने पेपर दिखाया और अपनी पूरी बात समाप्त कर ही रुके। 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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