केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि 1962 के युद्ध के बाद से चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारत की एक इंच जमीन पर भी अतिक्रमण नहीं किया है। यह बयान समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन ने अरुणाचल में भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा किया है।
रिजिजू ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा, “1962 के बाद से चीन ने हमारी एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं किया है। यह तथ्य स्पष्ट करना जरूरी है।” उन्होंने कहा कि अरुणाचल में जो क्षेत्र चीन के पास है, वह 1962 के युद्ध के दौरान या उससे पहले ही उसके नियंत्रण में था।
अखिलेश यादव के बयान को गलत ठहराया
केंद्रीय मंत्री ने अखिलेश यादव के बयान को गलत ठहराते हुए कहा कि यह दावा उनकी भावनाओं को आहत करता है, क्योंकि वह स्वयं अरुणाचल प्रदेश से आते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमा पर स्थिति को लेकर गलत जानकारी नहीं फैलानी चाहिए। रिजिजू ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार सीमा सुरक्षा को लेकर सजग है और किसी भी तरह के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भारत-चीन सीमा विवाद
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद दशकों से चला आ रहा है। 1962 के युद्ध के बाद से अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख जैसे क्षेत्रों में तनाव समय-समय पर बढ़ता रहा है। हाल के वर्षों में गलवान घाटी में 2020 की हिंसक झड़प ने दोनों देशों के बीच अविश्वास को और गहरा किया। भारत का दावा है कि चीन ने एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की, जबकि चीन इन आरोपों को खारिज करता है। दोनों देशों ने सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई दौर की वार्ता की है, लेकिन पूर्ण समाधान अभी तक नहीं निकला है। भारत ने सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है, जैसे कि सड़कें और हवाई पट्टियां, जिसे चीन उकसावे के रूप में देखता है। दूसरी ओर, चीन ने भी अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है।





