प्रधानमंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी को कितनी मिलती है सैलरी? कौन कौन से मिलते है भत्ते? 8वें वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी?

प्रधानमंत्री कार्यालय में निजी सचिव के पद पर नियुक्त अधिकारियों का वेतनमान पे मैट्रिक्स स्तर 14 के अनुसार निर्धारित होता है, जो 1,44,200 रुपये प्रति माह होता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) देश की सबसे महत्वपूर्ण संस्थाओं में से एक है। देश में प्रधानमंत्री का पद जितना पावरफुल होता है, उतना ही अहम होता है पीएमओ ऑफिस में काम करने वाले लोगों का रोल। इनमें से एक है प्रधानमंत्री का निजी सचिव का पद।

वर्तमान में 2014 की आईएफएस ऑफिसर निधि तिवारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी सचिव है, लेकिन क्या आप जानते है कि पीएम के पीएस को कितनी सैलरी मिलती है?सैलरी भत्तों के अलावा क्या क्या सुविधाएं दी जाती है।

कितनी मिलती है सैलरी

  • प्रधानमंत्री कार्यालय में निजी सचिव का पद ग्रुप-ए की सेवाओं से आता है और यह आमतौर पर IAS या दूसरी सिविल सेवाओं के अधिकारी संभालते हैं। उनकी सैलरी केंद्र सरकार की सेवाओं के नियमों और सातवें वेतन आयोग के तहत तय होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय में निजी सचिव के पद पर नियुक्त अधिकारियों का वेतनमान पे मैट्रिक्स स्तर 14 के अनुसार निर्धारित होता है, जो 1,44,200 रुपये प्रति माह होता है।
  • इसके अलावा, महंगाई भत्ता (DA), आवास भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA) और अन्य भत्ते भी प्रदान किए जाते हैं।इसके अलावा पीएमओ जैसे अति संवेदनशील मंत्रालय में काम करने के कारण पीएस को कुछ अतिरिक्त सुविधाएं भी होती हैं जैसे सरकारी आवास, स्टाफ, गाड़ी वगैरह।

8वें वेतन आयोग के बाद कितना बढ़ेगा वेतन?

7वें वेतन आयोग के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय में निजी सचिव के पद पर नियुक्त अधिकारियों का वेतनमान पे मैट्रिक्स स्तर 14 के अनुसार निर्धारित होता है, जो 1,44,200 रुपये प्रति माह होता है। 8वें वेतन के लागू होने के बाद पीएस की सैलरी में 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है, ऐसे में वेतन 2 लाख 60 हजार से 3 लाख 30 हजार तक पहुंच सकता है। हालांकि सरकार की और से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि नया वेतन आयोग कब लागू होगा।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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