भारतीय न्याय प्रणाली मुख्यत तीन स्तरों में बंटी होती है. सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट), उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) और अधीनस्थ न्यायालय (लोअर कोर्ट) लेकिन क्या आप जानते है हाईकोर्ट के जज की सैलरी कितनी होती है। उन्हें भत्तों के अलावा क्या क्या सुविधाएं दी जाती है। रिटायरमेंट के बाद जज को कितनी पेंशन मिलती है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज की सैलरी में कितना अंतर होता है? आईए जानते है इन सभी सवालों के जवाब……
जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और उनके जजों की सैलरी आखिरी बार जनवरी साल 2016 में रिवाइज हुई थी।डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, हाईकोर्ट के एक जज को हर महीने 2.25 लाख रुपये सैलरी मिलती है जबकी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को महीने के 2.50 लाख रुपये मिलते हैं।इधर, सुप्रीम कोर्ट के जज को हर महीने 2.50 लाख रुपये और सीजेआई बनने पर 2.80 मिलते है।इसके अलावा देश के चीफ जस्टिस को कई अन्य सुविधाएं दी जाती हैं।

हाईकोर्ट के जज को कितनी मिलती है पेंशन और ग्रेच्युटी
- जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट के जजों को सेवा निवृत्ति के बाद 13.50 लाख रुपये प्रति वर्ष (1.12 लाख रुपये प्रति माह) पेंशन के रूप में दी जाती है। हाईकोर्ट के जज को सेवा पूरी करने के बाद 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी के रूप में प्राप्त होते हैं।
- हाईकोर्ट के जजों को फर्निशिंग के लिए 6 लाख रुपये और मकान का किराया भत्ता बेसिक सैलरी का 24 प्रतिशत मिलता है।सरकारी और सामाजिक आयोजनों से जुड़े खर्चों को मैनेज करने के लिए 27,000 रुपये प्रति माह का भत्ता प्रदान किया जाता है।
मिलती है ये भी सुविधाएं
हाईकोर्ट के जजों को सुरक्षा, गाड़ी, ड्राइवर, स्टाफ और अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं।हाईकोर्ट के जजों के वेतन और भत्तों का खर्च संबंधित राज्य की संचित निधि (Consolidated Fund) से किया जाता है, उनकी पेंशन का खर्च भारत सरकार की संचित निधि से वहन किया जाता है।
नोट: यह जानकारी विभिन्न स्त्रोतो से जुटाई गई है, जिसमें बदलाव हो सकता है।