ट्रेन में इस सामान को ले जाने से पहले जान लें ये नियम, वरना लग सकता है जुर्माना!

इंडियन रेलवे द्वारा आए दिन नियमों में तरह-तरह के बदलाव किए जाते हैं, ताकि यात्रियों को बेहतर से बेहतरीन सुविधा मिल सके। ऐसे में एक अनोखा नियम भी बनाया गया है, जिसे जानकर आपको हैरानी होगी। आइए जानते हैं विस्तार से यहां...

Sanjucta Pandit
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Indian Railways : भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जहां से रोजाना हजार से अधिक ट्रेनें अपने गंतव्य की ओर रवाना होती है। जिसमें हजारों, लाखों की संख्या में यात्री सफर करते हैं। इस दौरान वह कई राज्यों से होकर गुजरती है, जिससे लोगों को उन राज्यों की स्थानीय संस्कृति, कल्चर, खान-पान के बारे में विस्तार से जानने का मौका मिलता है। वहीं, पर्व-त्यौहार या किसी खास सीजन में स्पेशल ट्रेन भी चलाई जाती है, ताकि यात्रियों की भीड़भाड़ को कंट्रोल किया जा सके।

भारतीय रेलवे समय-समय पर नियमों में बदलाव करता रहता है, ताकि पैसेंजर्स को सुविधा मिल सके। जिनका पालन न करने पर उन पर कार्रवाई भी होती है।

रेलवे का अनोखा नियम

आज के आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही एक नियम के बारे में बताएंगे, जिसे अनदेखा करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। आज हम आपको ट्रेन में ले जाने वाले सामान की जानकारी देंगे। जिनमें से कुछ ऐसे सामान भी है, जिन पर बैन लगा हुआ है।

नहीं ले जा सकते ये फल

दरअसल, आप ट्रेन में पटाखे, सिलेंडर, पालतू जानवर नहीं ले जा सकते हैं। इसके अलावा, ट्रेन में एक ऐसा फल भी है, जिससे ले जाने पर पाबंदी लगी हुई है। रेलवे नियम के अनुसार, इस फल को ज्वलनशील बताया जाता है। जी हां! इस अनोखे फल का नाम नारियल है, जिसे ट्रेन में वेंडर्स भी चलकर ही बेचते हैं। बता दें कि सूखा नारियल ट्रेन में लेकर चढ़ना वर्जित है। इसलिए भी आपने देखा होगा कि स्टेशन हो या ट्रेन कभी भी सूखे नारियल को नहीं बेचा जाता, बल्कि इसे छिलकर ही बेचा जाता है। इससे नुकसान ना हो, इसलिए भारतीय रेलवे ने इस पर बैन लगा रखा है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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