IPS Anukriti Sharma : बीते दिनों सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की आईपीएस अफसर अनुकृति शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें वो एक बुजुर्ग महिला के घर को रोशन करती हुई नजर आई थी।उन्होंने ना सिर्फ बुजुर्ग महिला की मदद की बल्कि 3 दिनों के अंदर उनके घर बिजली भी पहुंचा दी।
ये है पूरा मामला
दरअसल, ये मामला बीते हफ्ते का उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का है, जहां महिला IPS अधिकारी अनुकृति शर्मा (Anukriti Sharma) ‘मिशन शक्ति’ के तहत अगौता थाना क्षेत्र के एक गांव में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुन रही थीं, इसी दौरान नूरजहां नाम की एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके घर बिजली का कनेक्शन नहीं है, जिसकी वजह से वो गर्मी से परेशान हैं, बस फिर क्या था बुजुर्ग महिला की तकलीफ सुन IPS ने बिजली विभाग से संपर्क किया और साथी पुलिसकर्मियों के साथ नूरजहां के घर पहुंच गईं।देखते ही देखते नूरजहां के घर में बिजली कनेक्शन हो गया।
बिजली देख जहां नूरजहां के चेहरे पर खुशी छा गई वही पुलिसकर्मी और आईपीएस भी मुस्कुरा उठी। इस दौरान नूरजहां ने IPS की पीठ भी थपथपाई और फिर पुलिसकर्मियों ने नूरजहां को मिठाई भी दी।खास बात ये है कि घटना के बाद इस वीडियो को खुद IPS के साथ यूपी पुलिस ने भी ट्विटर पर शेयर किया था।IPS अनुकृति ने वीडियो के कैप्शन में लिखा- ‘मेरे जीवन का ‘स्वदेश मोमेंट’। नूरजहां चाची के घर में बिजली का कनेक्शन मिलना सचमुच उनके जीवन में रोशनी लाने जैसा है, उनके चेहरे पर मुस्कान संतुष्टि देने वाली थी। सपोर्ट के लिए SHO जितेंद्र जी और पूरी टीम को धन्यवाद।
इस वीडियो के बाद से ही चारों तरफ IPS अनुकृति की चर्चाएं शुरू हो गई और लोग उन्हें सोशल मीडिया पर सर्च कर रहे है, तो आईए आज हम आपको बताते है कौन है आईपीएस अनुकृति शर्मा….
जानिए आईपीएस अनुकृति शर्मा के बारें में सबकुछ
आईपीएस अनुकृति शर्मा साल 2020 बैच की यूपी कैडर की आईपीएस अफसर हैं। अनुकृति ना सिर्फ एक तेज तर्रार महिला ऑफिसर है बल्कि बेहद खूबसूरत भी है। उन्हें डांस करना बेहद पंसद है।
वर्तमान में वो बुलंदशहर की सहायक पुलिस अधीक्षक हैं। उन्होंने साल 2019 में UPSC एग्जाम क्लियर किया था। IPS अनुकृति मूल रूप से राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं, उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई यही हुई है।
अनुकृति ने जयपुर के इंडो भारत इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं पास की है। इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च कोलकाता से BSMS ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएशन के बाद अनुकृति ने यूजीसी नेट क्वालीफाई किया और आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका की यूनिवर्सिटी चली गई।
अमेरिका में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की तैयारी की और ना ही कोई कोचिंग ज्वॉइन और ना ही कोई टेस्ट सीरीज।
सेल्फ स्टडी और इंटरनेट के माध्यम से यूपीएससी की तैयारी और चौथे प्रयास में सफलता पाई। 5 साल में 4 अटेंप्ट देने के बाद उन्हें यह पद मिला।
अनुकृति पहले तीन बार में इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं, लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ। साल 2017 में चौथी बार में अुनकृति का यूपीएससी में सेलेक्शन तो हुआ लेकिन पद आईपीएस का नहीं मिला। इसके बाद भी हार नही मानी और 2019 में आईपीएस का पद हासिल किया।
जानिए आईपीएस बनने पर क्या क्या मिलती है सुविधाएं
एक आईपीएस ऑफिसर की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है, इसमें 8 साल कै अनुभव होने पर 1 हर महीने 1,31,000 रुपये तक की सैलरी होती है।आईपीएस को राज्य पुलिस में काम करने के के अलावा केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले विभिन्न सुरक्षा बलों में काम करने का मौका मिलता है।
आईपीएस अधिकारियों को पोस्ट के हिसाब से सुरक्षा गार्ड, माली, ड्राइवर और हाउस हेल्पर भी दिए जाते है।वही मेडिकल ट्रीटमेंट, टेलीफोन और बिजली बिल के लिए भी पैसे मिलते हैं। रिटायरमेंट के बाद आजीवन पेंशन भी मिलती है।
आईपीएस अधिकारी को एक सरकारी गाड़ी और आलीशन बंगला मिलता है। बंगले के गार्डेन को मेंटेन करने के लिए एक माली भी दिया जाता है।एक पर्सनल असिस्टेंट मिलता है, जिसका काम पुलिस अधिकारी की वर्दी सेट करना होता है। वही पुलिस लाइन होती है, जहां बारबर और मोची मिलते हैं।
आईपीएस आधिकारी का प्रमोशन समय समय पर होता है। 4 साल, 9 साल, 18 साल और 25 साल पर प्रमोशन होता है।एकेडमिक लीव लेकर देश विदेश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर सकते हैं। 30 दिन का ईएल, 16 दिन का सीएल मिलता है। इसके अलावा मेडिकल लीव भी मिलती है।
बच्चों को पढ़ाने के लिए एनुअल एजुकेशन अलाउंस मिलता है। मेडिकल फैसिलिटी फ्री है।साल में एक बार लीव ट्रैवल कंसेशन मिलता है,देश में कहीं भी परिवार के साथ घूमने जा सकते हैं।
नोट – यह सभी जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से जुटाई गई है, इसमें फेरबदल भी हो सकता है।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)