नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत और पाकिस्तान (INDIA AND PAKISTAN) की “तू तू मैं मैं” के किस्से कहां ही किसी से छिपे हैं। कभी वो हमारे ऊपर छीटा कसी करते हैं कभी हम उनपर। आलम यह है कि कोई भी एक दूसरे का मज़ाक उड़ान में पीछे नहीं रहना चाहता। चाहे मौका–मौका का एड हो या फिर बात हो विकास की पाकिस्तान हर मुद्दे पर भारत से पिछड़ता हुआ ही नज़र आता है।
पर आज भारत आखिरकार पाकिस्तान से इस मुद्दे पर हार ही गया। अरे दुखी ना होइए ये बात दुखी होने की नहीं बल्कि सुकून भरी है। आपको बता दें अभी हाल ही में वैश्विक पर्यावरण थिंक टैंक (GLOBAL ENVIRONMENT THINK TANK) IQAir की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के लाहौर शहर की Air Quality पूरे विश्व में सबसे खराब जांची गई है। 500 AQI के साथ लाहौर शहर को इस संस्था द्वारा विश्व का सबसे प्रदूषित (WORLD’S MOST POLLUTED CITY) शहर घोषित किया गया।
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बात करें नई दिल्ली की वायु के गुणवत्ता (AIR QUALITY) की तो 289 एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के साथ यह दूसरे नंबर है। 500 AQI वाले लाहौर शहर की हवा में प्रदूषण की बात करें तो रिपोर्ट के मुताबिक यह रहने योग्य नहीं है। हालांकि यह इंडेक्स पूरे लाहौर शहर की हवा न होते हुए kot Lakhpat इलाके का है। पर बाकी इलाकों में भी वायु प्रदूषण की स्थिति लगभग ऐसी ही है।
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रिपोर्ट की जानकारी जैसे ही न्यूज़ के माध्यम से लोगों तक पहुंची उसके बाद अलग अलग प्रकार से वे अपने सोशल मीडिया हैंडल (SOCIAL MEDIA HANDLES) पर इसके बारे में बात कर रहे हैं। एक यूजर का कहना है कि जब नीतियां (POLICIES) सिर्फ कागजों तक ही सीमित कर रह जाती हैं और तकनीक (TECH) का वाजिफ (APPROPRIATE) उपयोग नहीं किया जाता तब ऐसी स्तिथ्यां अक्सर बनती हैं। मैं लाहौर में रह रहे लोगों के लिए दुखी हूं। वही एक दूसरे यूज़र का कहना है कि सबकुछ टेंपररी है बस लाहौर में हो रहा पॉल्यूशन परमानेंट है (EVERYTHING IS TEMPORARY BUT POLLUTION IN LAHORE IS PERMANENT)।
बात करें air quality index के पैमानों की तो नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स (NATIONAL AIR QUALITY INDEX) द्वारा इसे 6 अलग अलग भागों (level) में बांटा गया है।
अगर AQI 0 से 50 तक का है तो वायु की गुणवत्ता को अच्छी माना जाता है।
51 से 100 के बीच के लेवल को संतोषजनक (SATISFACTORY) आंका जाता है।
101 से 200 के बीच के लेवल को हल्का प्रदूषित (MILD POLLUTED) माना जाता है।
201 से 300 तक के लेवल की वायु को POOR कैटेगरी में रखा जाता है।
301 से 400 तक के लेवल की वायु को अति प्रदूषित (VERY POLLUTED) कैटेगरी में रखा जाता है।
401 से 500 तक के लेवल की वायु की गुणवत्ता को SEVERE यानी लोगों के स्वास्थ के लिए खतरनाक माना जाता है।
अब देखना यह होगा कि लाहौर में रह रहे लोग और लाहौर शहर का प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए किन नीतियों पर काम करेगा।