भारत में एक से बढ़कर एक घूमने लायक जगहें हैं। यहाँ के कपड़े, खानपान, सांस्कृतिक विरासत और इतिहास, सब कुछ इसे बाकी देशों से अलग बनाते हैं। इसकी सुंदरता दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती है। अक्सर प्राकृतिक प्रेमी यहाँ घूमने के लिए आते हैं। यदि आप भी भारत में मौजूद किसी ऐसी जगह की तलाश में हैं, जहाँ आपको प्रकृति का अनोखा दृश्य देखने को मिले, तो आज हम आपको एक ऐसे शहर से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जहां एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन स्थित है। पहले यहाँ पर विदेश से मिट्टी मंगवाई जाती थी।
यह शहर कहीं और नहीं, बल्कि भारत के दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में स्थित है। इस गार्डन का नाम इतिहास के पन्नों में भी दर्ज है।

एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन
एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में स्थित है। यहाँ आपको छोटे से लेकर बड़े आकार तक के कैक्टस देखने को मिलेंगे। वर्तमान में यहाँ करीब 1800 प्रजातियों के कैक्टस हैं, जो शायद ही भारत में कहीं और देखने को मिलेंगे। इस गार्डन में कई बार फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। रतलाम से 22 किलोमीटर दूर फैले जसवंत विलास पैलेस, फैलाना में स्थित यह कैक्टस गार्डन रोज सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है, जिसकी एंट्री फीस निर्धारित है।
खूबसूरत बगीचे की स्थापना
इस गार्डन को मालवा के एक राजा ने बनवाया था। कांटों से सजी इस दुनिया को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। दरअसल, महाराज विजय सिंह राठौड़ ने साल 1916 में इस खूबसूरत बगीचे की स्थापना की थी। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे और आज भी आते हैं। भारत की जलवायु और मिट्टी कैक्टस के पौधों के लिए अनुकूल नहीं थी। ऐसे में यह कार्य बहुत ही मुश्किल था, लेकिन यदि ठान लिया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने एक शानदार ट्रिक से यहाँ यह गार्डन बनवाया, जो आज विश्व भर में प्रसिद्ध है।