भारत का सबसे बड़ा परिवार, रोजाना खपत होती है 45 किलो चावल और 60 किलो सब्जी, मेंबर गिनते-गिनते सुबह से दोपहर हो जाए!

आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े परिवार से मिलवाने जा रहे हैं, जो कि भारत में ही रहते हैं। फैमिली मेंबर्स इतने हैं कि आपको गिनते-गिनते सुबह से दोपहर हो जाएगा।

भारतीय संस्कृति में परिवार का बहुत अधिक महत्व है। एक जमाना था जब संयुक्त परिवार हुआ करता था, लेकिन आज महंगाई और बदलते जमाने के अनुसार लोग संयुक्त परिवार में रहने के बजाए छोटे परिवार में रहना पसंद करते हैं। बहुत कम ही लोग हैं जिन्हें जॉइंट फैमिली पसंद आती है। आमतौर पर संयुक्त परिवार में 15 से 20 लोग रहते हैं, जो हर सुख-दुख में एक साथ होते हैं। कोई भी निर्णय एक साथ लेते हैं और सभी उसे मानते भी हैं। यहां बड़े बुजुर्गों को आदर दिया जाता है।

आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े परिवार से मिलवाने जा रहे हैं, जो कि भारत में ही रहते हैं। फैमिली मेंबर्स इतने हैं कि आपको गिनते-गिनते सुबह से दोपहर हो जाएगा।

मिजोरम

दुनिया का सबसे बड़ा परिवार भारत के मिजोरम राज्य में रहता है, जिसमें कुल 167 मेंबर्स हैं, जो कि बक्तवांग गांव में निवासरत हैं। 100 कमरों के चार मंजिला घर में यह परिवार रहता है, जिसके मुखिया जिओना चाना थे, जिनकी साल 2021 में मृत्यु हो गई। उस वक्त उनकी आयु 76 साल की थी। इसके बाद इस परिवार की बागडौर सबसे बड़े बेटे ने संभाली। सबसे अच्छी बात यह है कि सभी मेंबर एक-दूसरे से कभी झगड़ा नहीं करते। यह परिवार इतना बड़ा है कि पूरा गांव जैसा लगता है। यहां हमेशा चहल-पहल बनी रहती है।

किए कई विवाह

मीडिया सूत्रों के अनुसार, जिओना चाना ईसाई धर्म से ताल्लुक रखते थे। ऐसे में उन्होंने कई विवाह किए। परिवार में 39 पत्नियां, 94 बच्चे, 23 पोते-पोतियां और एक परपोता है। यह जॉइंट फैमिली एक ही जगह पर बैठकर खाना खाती है। यहां पर रोजाना 45 किलो चावल, 25 किलो दाल, 60 किलो सब्जी, 30 से 40 मुर्गियां और 20 किलो फलों की खपत होती है। स्टॉक में हमेशा सामान रखा ही रहता है। हर बड़ा व्यक्ति कमाई करता है। कृषि के अलावा इनका खुद का बिजनेस भी है, जिससे इनकी फैमिली का भरण-पोषण बहुत ही अच्छे से हो जाता है। सभी लग्जरी लाइफ जीते हैं।

मिलकर साथ रहता है सदस्य

पूरी दुनिया में सबसे बड़े परिवार की खिताब इन्हें ही जाता है। यह सभी एक साथ मिलजुल कर प्यार के साथ रहते हैं। बच्चों की संख्या इतनी है कि यह किसी छोटे गांव से कम नहीं लगती। कई लोग तो इस परिवार से मिलने के लिए खास तौर पर इस गांव में जाते हैं। सभी मिलजुल कर कमाते हैं, तो वहीं महिलाएं आपस में एक-दूसरे से प्रेम और आदर भाव के साथ रहती हैं। इनका घर किसी मंदिर से कम नहीं लगता और यहां का हर दिन इनके लिए किसी भी त्योहार से कम नहीं है।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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