भारत का सबसे बड़ा वन, जो 2 देशों में है फैला, पर्यटकों को प्रवेश करने से पहले लेनी पड़ती है इजाजत!

भारत में जिस जगह पर यह तीन नदियां मिलती है, वहां विशाल डेल्टा का निर्माण होता है, जहां सबसे बड़ा जंगल स्थित है। जिस देश का सबसे बड़ा फॉरेस्ट कहा जाता है।

भारत में एक से बढ़कर एक जंगल मौजूद है, जहां जंगली जीव जंतुओं के अलावा तरह-तरह के पेड़ पौधों की प्रजातियां पाई जाती है। हर वन क्षेत्र का अपना अलग-अलग इतिहास और अलग-अलग खासियत है। इससे पर्यावरण को सुरक्षा मिलता है। इस वन की देखरेख के लिए सरकार द्वारा भी खास निगरानी रखी जाती है। ऐसे में आज हम आपको उस वन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 2 देशों के बीच में फैला हुआ है, जहां एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन नदियों का संगम होता है।

भारत में जिस जगह पर यह तीन नदियां मिलती है, वहां विशाल डेल्टा का निर्माण होता है, जहां सबसे बड़ा जंगल स्थित है। जिस देश का सबसे बड़ा फॉरेस्ट कहा जाता है। इस जंगल का का आधा हिस्सा दूसरे देश में फैला हुआ है।

सुंदरवन (Sundarban)

दरअसल, भारत का सबसे बड़ा जंगल सुंदरवन है, जो कि पश्चिम बंगाल में स्थित है। यहां रॉयल टाइगर अभी पाया जाता है। यहां गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदी मिलती है, जिससे विशाल डेल्टा का निर्माण होता है। बता दें कि डेल्टा का आकार यूनानी वर्णमाला के डेल्टा (Δ) अक्षर जैसा होता है, इसलिए इसे डेल्टा कहा जाता है। इसका निर्माण तब होता है, जब नदी की रफ्तार एकदम धीमी हो जाती है, जिससे नदी के बहकर आए धूल, मिट्टी, कीचड़ इक्कठा हो जाते हैं। यह भारत के अलावा बांग्लादेश में स्थित है, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन भी है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है।

दो देशों में है बंटा

बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले गंगा, ब्रह्मपुत्र के अलावा मेघना नदी विशाल डेल्टा का निर्माण करती है, जो कि लगभग 10000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसका 60 प्रतिशत हिस्सा बांग्लादेश और 40% हिस्सा भारत में स्थित है। बता दें कि इस शब्द की उत्पत्ति सुंदर पेड़ों से हुई है, जहां मैंग्रोव प्रजाति का वृक्ष भी पाया जाता है। इसलिए इस वन का नाम सुंदरवन पड़ा है।

रॉयल बंगाल टाइगर

इस वन में रॉयल बंगाल टाइगर भी पाए जाते हैं, जो कि दुनिया के सबसे खतरनाक बाघों में से एक है। यह टाइगर पानी में तैर सकते हैं। इस बाघ की खासियत है कि यह नदी, दलदल को आसानी से पार कर सकते हैं। इस वन के अंदर बहुत सी प्रजातियों के पेड़-पौधे, जीव-जंतु, आदि पाए जाते हैं। इसके अलावा, जंगल में चीतल, जंगली सूअर, मछली पकड़ने वाली बिल्ली, लैंलेदरबैक समुद्री कछुए, लुप्तप्राय गंगा डॉल्फिन, खारे पानी में रहने वाले मगरमच्छ, किंग कोबरा, रेसलर सांप, सफेद बगुला, जलकौवा, ब्राह्मिनी चील, किंगफिशर, सारस, फ्लेमिंगो, आदि पाए जाते हैं।

लेनी पड़ती है घूमने के लिए इजाजत

यहां घूमने के लिए पर्यटकों को सबसे पहले वन विभाग या पश्चिम बंगाल पर्यटन कार्यालय से इजाजत लेनी पड़ती है। इसके अलावा, सुंदरवन में प्रवेश के लिए पर्यटकों को निश्चित शुल्क भी देना पड़ता है। जिसक बाद ही उन्हें नाव से पूरी सुरक्षा के बीच जंगल का भ्रमण कराया जाता है। इस वन को पर्यावरण अध्ययन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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