Literaria 2022 : नीलाम्बर के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव लिटरेरिया 2022 का शुभारंभ 19 नवंबर को कोलकाता के सियालदह में बी. सी. रॉय ऑडिटोरियम में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत उपस्थित वक्ताओं एवं गणमान्य अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले नीलाम्बर की रचनात्मक यात्रा पर एक वीडियो प्रस्तुत किया गया। उसके बाद प्रसिद्ध गायिका तापसी नागराज द्वारा काव्य संगीत की प्रस्तुति की गई जिसमें प्रतिष्ठित बांसुरी वादक मुरलीधर नागराज ने उनका साथ दिया। इस अवसर पर नीलांबर की त्रैमासिक पत्रिका ‘सप्तपर्णी’ के प्रवेशांक का लोकार्पण किया गया। पत्रिका का संपादन योगेश तिवारी ने किया है।
साहित्य सेवा के लिए समर्पित नीलांबर
स्वागत वक्तव्य में नीलांबर के सचिव ऋतेश कुमार ने तकनीक और साहित्य के समन्वय के महत्व को इंगित करते हुए कहा कि आज तकनीक अधिक आसान और जनोपयोगी हो गया है। साहित्य को तकनीक के सहारे सरलता से जनता के बीच पहुंचाया जा सकता है, जिसे नीलांबर अपने सीमित संसाधनों द्वारा लगातार करता आ रहा है। नीलांबर के अध्यक्ष यतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि नीलांबर साहित्य सेवा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। हम सामूहिकता को प्रमुखता देते हैं। जिस ईश्वरीय क्षण को पाने के लिए सृजक लगा रहता है, नीलांबर अपने मंच के माध्यम से ऐसा क्षण बार-बार आए, इसके लिए प्रयासरत रहता है। उद्घाटन सत्र में सुप्रतिष्ठित कथाकार अलका सरावगी ने अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि अगर पाठक न हो तो रचना का महत्व क्या रह जाता है? नीलांबर ऐसे आयोजन के माध्यम से रचनाकारों को पाठक देता है।
बांग्ला के प्रतिष्ठित कवि प्रबल कुमार बसु ने कहा कि कलकत्ता में हिन्दी नाटक की समृद्ध परम्परा रही है, जिसके शुरूआती दौर में श्यामानंद जलान ,उषा गांगुली इत्यादि निर्देशकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास जो खोजी प्रवृत्ति है उसमें प्रत्येक व्यक्ति परम्परा को अपने नजरिए से देखता है । इस दिन सुप्रतिष्ठित पत्रकार सैयद मोहम्मद इरफान को संस्था की ओर से निनाद सम्मान से नवाजा गया। उन्हें संस्था के अध्यक्ष यतीश कुमार ने यह सम्मान प्रदान किया। इस अवसर पर वक्तव्य रखते हुए उन्होंने कहा कि सेलिब्रिटी जर्नलिज्म को तोड़ना, किसी व्यक्ति को परत दर परत समझने का प्रयास मेरी पत्रकारिता का हिस्सा रहा है। उनको दिए गए प्रशस्ति पत्र का पाठ ऋतु तिवारी द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र का संचालन नीलाम्बर के संरक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह ने किया।
इस दिन सेमिनार सत्र में मूल विषय ‘परंपरा की दूसरी खोज’ पर बोलते हुए प्रसिद्ध कवि एवं कथाकार प्रकाश उदय ने कहा कि पारंपरिक साहित्य में एक परम्परा दूसरे को पार कर जाती है। हम केवल आलोचना के टूल्स से ही आलोचना न करें, बल्कि हमें खेती की शब्दावली, कला की शब्दावली के ज़रिए आलोचना करनी चाहिए। सुपरिचित आलोचक वेदरमण ने कहा कि परम्परा में बहुलता और विविधता होती है। परम्परा हमें अनायास नहीं मिलती है, उसे हमें पाना होता है। यह काम हर व्यक्ति, हर लेखक, हर विचारक अपने-अपने नजरिए से करता है। आज हम अपने ज्ञान परम्परा से दूर हो गये हैं। परम्परा को लेकर ही कोई देश गतिशील होने के साथ प्रगतिशील भी होता है। परम्परा के अभाव में देश गतिशील हो सकता है, प्रगतिशील नहीं हो सकता। युवा आलोचक आशीष मिश्र ने कहा कि परम्परा कोई एक नहीं होती परम्पराएं होती है। किसी भी परम्परा के अनेक मुख होते है, एक बिन्दु नहीं होता। जब किसी एक बीज मुख को खोजने की कोशिश की जाती है, तो विडम्बना हो जाती है।
‘लौट रही है बेला एक्का’ फिल्म का प्रदर्शन
युवा आलोचक योगेश तिवारी ने कहा कि हमारा आग्रह परम्परा पर नहीं बल्कि खोज पर है। खोज मात्र दृष्टि होती है लेकिन यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना खोज संभव नहीं है। नीलांबर द्वारा इस विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त पूजा साव ने विषय पर बोलते हुए कहा कि परम्परा को बदल देना अपने आप में परम्परा है। परम्परा में आधुनिकता की संभावना होती है। आलोचना सत्र का संचालन विनय मिश्र ने किया। दिन के अंत में नीलांबर द्वारा निर्मित एवं ऋतेश पांडेय के निर्देशन में बनी फिल्म” लौट रही है बेला एक्का” का प्रदर्शन किया गया। जिसे दर्शकों द्वारा भरपूर सराहना मिली। इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में शामिल हैं ट्विंकल रक्षिता, दीपक महीश, विशाल पांडेय, आशा पांडेय, दीपक ठाकुर, हंसराज। फिल्म प्रदर्शन के बाद फिल्म के कलाकारों का अभिनंदन किया गया। इस सत्र का संचालन शैलेश गुप्ता ने किया। पूरे दिन के लिए धन्यवाद ज्ञापन निर्मला तोदी ने किया। इस अवसर पर बहुत संख्या में अध्यापक, लेखक, विद्यार्थी एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित रहें।
About Author
श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।