Lok Sabha Election 2024: संबित पात्रा को पार्टी से बाहर निकालने की मांग, कांग्रेस बोली भगवान जगन्नाथ के भक्तों से माफ़ी मांगे PM Modi

कांग्रेस को संबित पात्रा की माफ़ी काफी नहीं लग रही, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि हिम्मत दिखाइए और भक्तों की आस्था का सम्मान करते हुए संबित पात्रा को पार्टी से बाहर निकालिए।

Atul Saxena
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PM Modi

Lok Sabha Election 2024: भगवान जगन्नाथ को पीएम मोदी (PM Modi) का भक्त बताकर फंसे संबित पात्रा की मुश्किलें माफ़ी मागने के बाद भी कम नहीं हो रहीं, उन्होंने अपनी भूल स्वीकार करते हुए पश्चाताप करने की बात भी कही है बावजूद इसके कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया है और संबित पात्रा को पार्टी से बाहर करने की मांग कर रही है।

भगवान जगन्नाथ को मोदी का भक्त बताकर फंस गए संबित पात्रा 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी संबित पात्रा कल प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी का भव्य रोड शो देखकर इतने उत्साहित हो गए कि उन्होंने भगवान जगन्नाथ को भी पीएम मोदी का भक्त बता दिया, एक स्थानीय चैनल पर दिया गया संबित का ये बयान (उड़िया भाषा में) जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वैसे ही सियासत भड़क गई।

संबित पात्रा ने माफ़ी मांगी, पश्चाताप करने की बात कही 

हालाँकि अपनी गलती का अहसास होने पर संबित पात्रा सोशल मीडिया पर आये और उन्होंने उड़िया भाषा में ही माफ़ी मांगी, इसे अपने भूल कहा, स्लिप ऑफ़ टंग बताया और कहा कि मैंने रोड शो के बाद बहुत से चैनल को बाईट दो जिसमें मैंने कहा कि मोदी जी भी भगवान जगन्नाथ के भक्त हैं बस एक चैनल में मुझसे उल्टा निकल गया, मैं इसके लिए पश्चाताप करूँगा तीन दिन उपवास पर रहूँगा।

कांग्रेस बोली पीएम संबित को पार्टी से निकालें, भगवान जगन्नाथ के भक्तों से माफ़ी मांगें 

लेकिन कांग्रेस को संबित पात्रा की माफ़ी काफी नहीं लग रही, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि हिम्मत दिखाइए और भक्तों की आस्था का सम्मान करते हुए संबित पात्रा को पार्टी से बाहर निकालिए, उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में भगवान जगन्नाथ के भक्तों से पीएम मोदी को आज ही माफ़ी मांग लेनी चाहिए यही सबके लिए अच्छा होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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