संसद में पहली बार सांसदों की हाजिरी डिजिटल रूप से दर्ज की जाएगी। इंडिया टुडे टीवी को सूत्रों ने बताया कि 21 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र से लोकसभा में यह व्यवस्था लागू होगी। सांसदों को अपनी हाजिरी अपनी डेस्क पर लगे टैबलेट के माध्यम से दर्ज करनी होगी। यह कदम हाजिरी के सटीक और पारदर्शी रिकॉर्ड को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
फिलहाल दोनों सदनों के प्रवेश द्वार पर उपलब्ध रजिस्टर में मैन्युअल रूप से हाजिरी दर्ज करते हैं। व्यस्त दिनों में एंट्री गेट पर लंबी कतारें लगने से असुविधा होती है जिसके कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने या फिर से शुरू होने में देरी होती है। कई बार सांसद रजिस्टर में हस्ताक्षर कर बिना सदन में प्रवेश किए चले जाते हैं। डिजिटल हाजिरी इस समस्या को खत्म करेगी क्योंकि सांसदों को अपनी डेस्क पर मौजूद टैबलेट के जरिए उपस्थिति दर्ज करनी होगी।
मैन्युअल और डिजिटल दोनों विकल्प
यह व्यवस्था फिलहाल पायलट आधार पर शुरू की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इसे और सरल व प्रभावी बनाने के लिए भविष्य में कदम उठाए जाएंगे। मॉनसून सत्र (21 जुलाई से 12 अगस्त) के दौरान सांसदों के पास मैन्युअल और डिजिटल दोनों तरीकों से हाजिरी दर्ज करने का विकल्प होगा। अगर
डिजिटल प्रणाली अधिक सुविधाजनक और परेशानी मुक्त साबित होती है तो संसद इसे स्थायी रूप से लागू करने पर विचार कर सकती है।
पारदर्शिता बढ़ाने में मिलेगी मदद
यह फैसला अत्यंत सकारात्मक और समयानुकूल है। डिजिटल हाजिरी न केवल समय की बचत करेगी बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि सांसद सदन की कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लें। हालांकि, इसकी सफलता टैबलेट की तकनीकी विश्वसनीयता और सांसदों के इसके उपयोग में सहजता पर निर्भर करेगी। पायलट फेज के नतीजे इसकी स्थायी स्वीकार्यता के लिए महत्वपूर्ण होंगे।





