विजय रुपानी का जन्म 2 अगस्त 1956 को बर्मा के रंगून में हुआ था। 1960 में उनका परिवार राजकोट आ गया। यहीं उनकी मुलाकात अंजलि से हुई। अंजलि के पिता RSS कार्यकर्ता थे, और विजय रुपानी उस समय RSS प्रचारक थे।
प्रचार के दौरान वह अंजलि के घर खाना खाने गए, और पहली ही मुलाकात में उन्हें प्यार हो गया। कई सालों की बातचीत के बाद दोनों ने 1970 के दशक में शादी कर ली। राजनीति में भी उनकी यात्रा शानदार रही। 1971 में जनसंघ से जुड़े, फिर ABVP में सक्रिय हुए। 2016 में वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने। 12 जून 2025 को अहमदाबाद विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई। वह अंजलि से मिलने लंदन जा रहे थे।
अंजलि संग प्रेम की शुरुआत
अंजलि से उनकी मुलाकात तब हुई जब वह RSS के लिए प्रचार कर रहे थे। अंजलि के पिता संघ के पुराने कार्यकर्ता थे। प्रचार के दौरान वह उनके घर खाना खाने गए। उन्हें बाहर का खाना पसंद नहीं था, इसलिए वह हमेशा कार्यकर्ताओं के घर ही खाते थे। पहली मुलाकात में ही अंजलि की सादगी ने उन्हें प्रभावित किया। कई सालों तक दोनों के बीच बातचीत होती रही। दोनों परिवारों ने सहमति से उनकी शादी करवाई। यह शादी जैन परंपराओं के अनुसार हुई। यह रिश्ता सादगी और प्यार का प्रतीक बन गया। उनकी यह कहानी बेहद खास है।
राजनीति में शानदार सफर
विजय रुपानी ने 1971 में जनसंघ से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। ABVP में रहते हुए उन्होंने छात्र नेता के रूप में नाम कमाया। वह हमेशा RSS से जुड़े रहे। केशुभाई पटेल के समय उन्हें चुनावी घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष बनाया गया। 2007 और 2012 में सौराष्ट्र में BJP को बड़ी जीत दिलाई। 2016 में आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने। सौराष्ट्र से 15 साल बाद कोई मुख्यमंत्री बना। 2016 से 2021 तक उन्होंने यह पद संभाला। उनकी मेहनत और सादगी ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। वह PM मोदी और अमित शाह के करीबी थे।





