इस कार्यक्रम के दौरान चीफ आफ डिफेंस, तीनों सेना प्रमुख, परमवीर चक्र (पीवीसी) पुरस्कार विजेता और रक्षा मंत्रालय के अन्य प्रमुख अधिकारी और कई अन्य मशहूर हस्तियां शामिल हुईं। वहीं, इस सम्मान समारोह में अनेक युद्धों में अपना योगदान देने वाले सैनिकों के माता-पिता और रिश्तेदारों को भी आमंत्रित किया गया था। इस समारोह के दौरान ही वेबसाइट का भी शुभारंभ किया गया है जो कि त्रि-सेवा कोष है, जिसका उपयोग युद्ध के हताहतों के परिजनों एवं आश्रितों को अनुग्रह राशि की तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है।
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दरअसल, 15 अगस्त से कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था। जो कि अपने आप में बड़ा मामला था क्योंकि राजौरी में सेना की वर्दी पहनकर घुसे दो आतंकिवादियों ने 11 राजपूताना राइफल्स के कैंप में ग्रेनेड फेंका और अंधाधुंध फायरिंग कर घुसपैठ करने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए घुसपैठ को नाकाम कर दिया था। जिसके बाद दोनों ओर से करीब साढ़े 4 घंटे तक मुठभेड़ चली जिसमें भातीय सेना ने दोनों आतंकवादियों को मार गिराया। जिसमें 1 अधिकारी समेत 4 जवानों ने अपने प्राणों की आहुती दे दी और दो घायल भी हो गए थे। वहीं, चार शहीदों में हरियाणा के हांसी का निशांत मलिक भी शामिल था. निशांत तीन बहनों का इकलौता भाई और परिवार में सबसे छोटा था। जैसे ही निशांत मलिक के शहीद होने की सूचना परिजनों को मिली तो घर में हाहाकार मच गया था। बड़ी मुश्किलों के बाद उन्हें संभाला जा सका था।
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