एसटीएसएफ के अनुसार, शेरपा वर्ष 2015 से फरार था। उसके खिलाफ एसटीएसएफ ने 13 जुलाई, 2015 को प्रकरण दर्ज किया था। उक्त प्रकरण में पूर्व में 29 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनके विरुद्ध न्यायालय नर्मदापुरम ने पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल सात लाख 10 हजार रुपये के अर्थदंड का आदेश पारित किया है।
ताशी शेरपा को सिलीगुड़ी के पास गिरप्तार कर सिलिगुडी बंगाल की अदालत में पेश कर मप्र लेन के लिए ट्रांजिट रिमांड प्राप्त किया गया तथा उसके पश्चात आरोपी को नर्मदा पुरम अदालत में पेश किया गया,उक्त आरोपी भूटान बंगाल नेपाल तिब्बत क्षेत्र में सक्रिय था
शेरपा की गिरफ्तारी से मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में बाघों के संरक्षण एवं सुरक्षा को बड़ी सफलता मिली है। शेरपा को विशेष न्यायालय नर्मदापुरम में प्रस्तुत किया जाएगा। अन्य वन्य-जीव अपराधों में उसकी संलिप्तता के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए अन्य राज्यों से भी संपर्क किया जा रहा है।