महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने कहा है कि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मराठाओं को आरक्षण देने के लिए अलग से व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि ओबीसी समुदाय के मौजूदा कोटे पर कोई असर न पड़े। भुजबल का यह बयान मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे विवाद के बीच आया है, जो राज्य में लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है।
भुजबल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ओबीसी समुदाय के हितों की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि मराठाओं को ओबीसी कोटे में शामिल करने से अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए अवसर कम हो सकते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि मराठा आरक्षण के लिए एक स्वतंत्र नीति बनाई जाए, जो सभी पक्षों के लिए निष्पक्ष हो।
लंबे समय से आरक्षण की मांग
मराठा समुदाय लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहा है, जिसके लिए कई प्रदर्शन और आंदोलन भी हुए हैं। इस मुद्दे ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक जटिल स्थिति पैदा कर दी है, जहां विभिन्न समुदाय अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए दबाव बना रहे हैं। भुजबल का बयान इस संवेदनशील मुद्दे पर नई बहस छेड़ सकता है।
जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस मामले में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। भुजबल ने सुझाव दिया कि सभी समुदायों के साथ चर्चा कर एक ऐसा समाधान निकाला जाए, जो सामाजिक समरसता को बनाए रखे। उनका यह बयान मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है, क्योंकि दोनों पक्ष अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।





