मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहला पड़ाव पार कर लिया है। आज विधानसभा में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस) सरकार ने 169 वोटों से विश्वास मत (फ्लोर टेस्ट) हासिल किया। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने सदन में प्रस्ताव पेश किया। भाजपा ने इस सत्र पर सदन में आपत्ति जताई और विश्वास मत से पहले उसके 105 विधायकों ने वॉकआउट किया। जबकि वोटिंग के दौरान 4 अन्य विधायक तटस्थ रहे। सरकार के विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। इसके बाद सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सदन को संबोधित करेंगे।
वहीं भाजपा ने बहुमत परीक्षण का बहिष्कार किया और सदन से वॉक आउट कर दिया। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि नियमों के मुताबिक कार्यवाही नहीं हो रही है। फडणवीस का कहना है कि प्रोटेम स्पीकर का बदलना नियमों के खिलाफ है और बिना स्पीकर के चुनाव के फ्लोर टेस्ट कराना भी गलत है। उन्होंने कहा कि उन्हें फ्लोर टेस्ट की जानकारी देर रात 1 बजे दी गई। उन्होंने कहा कि देर से बताया ताकि पार्टी के विधायक ना पहुंच सकें। इस पर प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि राज्यपाल की इजाजत से ही कार्यवाही चल रही है। भाजपा विधायक फिलहाल विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विश्वास मत के बाद कहा सदन का आभार व्यक्त करता हूं। मैं पहली बार सदन में आया हूं। शपथ ग्रहण में अपने माता-पिता और महापुरुषों का नाम लेने में क्या बुराई है। अगर यह गुनाह है तो मैं इसे बार-बार करूंगा। शिवाजी हमारे भगवान हैं। मैं सामने से लड़ने वालों में से हूं। मतभेद होते हैं लेकिन यहां पर गलत ढंग से मतभेद को रखने की कोशिश हुई। मुझे उस महाराष्ट्र की जरूरत है जो साधु संतों का है, वीरों का है, महापुरुषों का है।