कांग्रेस के अधिवेशन में फिर उठा बैलेट पेपर से चुनाव कराने का मुद्दा, भड़के खड़गे, कमलनाथ ने EVM को धोखा बताया

BJP बार-बार यह बताने का प्रयास करती है कि भारत का विकास 2014 के बाद ही हुआ है। लेकिन अगर गुजरात का उदाहरण देखें तो यहां की अधिकतर संस्थाएं कांग्रेस के समय में बनीं। गांधी नगर जैसी मॉडर्न सिटी कांग्रेस की देन है। मैं आपसे पूछता हूं- अहमदाबाद का IIM क्या मोदी सरकार में बना? White Revolution क्या मोदी सरकार में हुआ? देश में कई बड़े-बड़े काम कांग्रेस के समय में हुए, लेकिन BJP पूछती है कि 70 साल में क्या किया?

Congress Gujarat convention EVM issue : गुजरात के अहमदाबाद शहर में कांग्रेस का अधिवेशन चल रहा है इसमें कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी पार्टी की भविष्य की योजनाओं पर चिंतन कर रहे हैं लेकिन उनके निशाने पर भाजपा और मोदी सरकार अधिक है, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर पार्टी के लगभग सभी नेताओं के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार है,  कांग्रेस नेता मोदी सरकार का 11 साल का हिसाब किताब भी सामने रख रहे हैं, अधिवेशन में कांग्रेस ने एक बार फिर ईवीएम से चुनाव कराये जाने का विरोध किया।

अधिवेशन को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कांग्रेस के 140 साल के इतिहास में 86 अधिवेशन हुए। इनमें 6 अधिवेशन गुजरात की धरती पर हुए, जिनमें 3 अहमदाबाद शहर में हुए। अहमदाबाद हमारे लिए तीर्थ स्थल जैसा है। यहां साबरमती आश्रम है, सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारक है। यह अधिवेशन महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है और सरदार पटेल जी की 150वीं जयंती को समर्पित है।

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उन्होंने कहा बेलगावी में 26 दिसंबर को हमने घोषण की थी कि हमारा अगला अधिवेशन गुजरात में होगा। महात्मा गांधी जी ने देश को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा का मार्ग दिखाया और इसी तरीके से आजादी भी दिलाई। दुनिया भर में महात्मा गांधी जी की प्रतिमाएं हैं और डाक टिकट जारी हुए हैं। यह दिखाता है कि उनके उसूलों का कितना सम्मान है।

11 वर्ष से सत्ताधारी दल संविधान पर चोट कर रहा है

BJP पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा- पिछले 11 वर्ष से सत्ताधारी दल संविधान पर चोट कर रहा है। हमारे संवैधानिक मूल्यों, संवैधानिक प्रावधानों, संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमला हो रहा है और इसको रोकना जरूरी है। हाल में हुए संसद के बजट सत्र में सरकार ने मनमाने तरीके से सदन चलाया। सदन में नेता विपक्ष राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया गया। लोकतंत्र में यह लज्जा की बात है। ये दिखाता है कि मौजूदा सरकार किस मानसिकता के साथ चल रही है, इसलिए हमें आवाज उठाना जरूरी है, क्योंकि आज जो हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।

यह सरकार आहिस्ता-आहिस्ता लोकतंत्र को खत्म कर रही है

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा जन सरोकार के जरूरी मुद्दों पर बहस करने के बजाय सरकार communal polarization के लिए रात के तीन-चार बजे तक संसद में बहस कराती रही और मणिपुर जैसे मुद्दे पर रात के साढ़े चार बजे बहस शुरू होती है। हमने हमेशा मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करनी चाही, लेकिन कभी भी सरकार इसके लिए नहीं मानी। इसका मतलब है कि सरकार जनता से अपनी नाकामी छिपाना चाहती है। जब देश के लोग सो रहे थे, तब कई महत्वपूर्ण बिल आधी रात को सदन में लाए गए। यह सरकार आहिस्ता-आहिस्ता लोकतंत्र को खत्म कर रही है।

चुनाव कराने वाली संस्थाएं सरकार के कंट्रोल में हैं

खड़गे ने कहा, आज सरकार चुनाव आयोग से लेकर संसद तक अपना विस्तार करने की कोशिश में है। चुनाव कराने वाली संस्थाएं सरकार के कंट्रोल में हैं। सरकार हर संस्था में दखल देकर अपना वर्चस्व बढ़ा रही है। उन्होंने एक बार फिर ईवीएम से चुनाव कराने पर नाराजगी जताई।

सरकार ने ऐसे तरीके ईजाद कर लिए हैं, जिससे सिर्फ उन्हें ही फायदा मिल रहा 

उन्होंने कहा पूरी दुनिया के विकसित देश EVM को छोड़कर बैलेट पेपर की तरफ चले गए हैं। दुनिया में तमाम देश EVM का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम EVM पर निर्भर हैं। ये सब फ्रॉड है। सरकार ने ऐसे तरीके ईजाद कर लिए हैं, जिससे सिर्फ उन्हें ही फायदा मिल रहा है, लेकिन आने वाले समय में देश के नौजवान उठ खड़े होंगे और कहेंगे कि हमें EVM नहीं चाहिए।

EVM एक धोखा है : कमलनाथ 

कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने गए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी ईवीएम पर पार्टी लाइन का समर्थन किया उन्होंने कहा केवल भारत में ही EVM से चुनाव हो रहे हैं जबकि इसपर सबको शक है, क्योंकि सब जानते हैं कि इसे फिक्स किया जा सकता है अभी जो सबूत आये हैं उससे स्पष्ट हो जाता है कि EVM एक धोखा है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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