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Thu, Dec 18, 2025

ममता बनर्जी और भतीजे अभिषेक बनर्जी ने मिलकर बनाई रणनीति, प्रचार अभियान से लेकर चेहरे तक पर मुहर

Written by:Mini Pandey
Published:
ममता और अभिषेक मतदाता सूची को लेकर भाजपा की रणनीति का मुकाबला करने की योजना बना रहे हैं, खासकर मुस्लिम और बांग्लादेशी शरणार्थियों के वोटों को सुनिश्चित करने के लिए।
ममता बनर्जी और भतीजे अभिषेक बनर्जी ने मिलकर बनाई रणनीति, प्रचार अभियान से लेकर चेहरे तक पर मुहर

पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने मिलकर एक रणनीतिक कार्ययोजना तैयार की है। हाल के महीनों में दोनों नेताओं की कई बैठकें हुईं, जिनमें चुनावी रणनीति पर चर्चा की गई। ममता बनर्जी तृणमूल के प्रचार अभियान का मुख्य चेहरा होंगी, जिनकी तस्वीर 90% प्रचार सामग्री में होगी, जबकि अभिषेक बनर्जी संगठनात्मक और संसदीय भूमिका में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाएंगे। दोनों नेताओं का लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी के विरोधी बंगाल अभियान को राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर प्रभावी ढंग से जवाब देना है।

अभिषेक बनर्जी को तृणमूल के संसदीय दल का नेता नियुक्त किया गया है और वे दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठकों में हिस्सा लेंगे। वे जिला स्तर पर विधायक उम्मीदवारों के नामांकन और सर्वेक्षण का प्रबंधन करेंगे। ममता बनर्जी और अभिषेक मिलकर पार्टी के पुराने और नए नेताओं के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि जिला स्तर पर गुटबाजी को खत्म किया जा सके। इसके साथ ही, ममता बनर्जी की अगुवाई में लक्ष्मीर भंडार जैसी योजनाओं के लिए फंड बढ़ाने और पराय समाधान जैसे कार्यक्रमों के जरिए शासन और संगठन पर ध्यान दिया जा रहा है।

बंगाली पहचान की राजनीति

तृणमूल की रणनीति में बंगाली पहचान की राजनीति को केंद्र में रखा गया है, जो भाजपा के जय श्री राम नारे के जवाब में है। ममता और अभिषेक मतदाता सूची को लेकर भाजपा की रणनीति का मुकाबला करने की योजना बना रहे हैं, खासकर मुस्लिम और बांग्लादेशी शरणार्थियों के वोटों को सुनिश्चित करने के लिए। इसके साथ ही, गैर-बंगाली नेताओं जैसे कीर्ति आजाद को शामिल कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यह पहचान की राजनीति न तो हिंदुत्व-विरोधी हो और न ही हिंदी-विरोधी। तृणमूल का यह प्रयास बंगाल के बाहर काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों के भेदभाव और निष्कासन के खिलाफ एक रक्षात्मक उपाय के रूप में भी देखा जा रहा है।

पार्टी की मीडिया रणनीति

पार्टी की मीडिया रणनीति को भी मजबूत किया जा रहा है। सांसद डेरेक ओ’ब्रायन राष्ट्रीय स्तर पर और कुणाल घोष बंगाल में मीडिया का प्रबंधन करेंगे। ममता बनर्जी की सभाओं और रैलियों को सोशल मीडिया के नए उपकरणों जैसे रील्स और वीडियो के जरिए प्रचारित किया जाएगा। अभिषेक बनर्जी जिला दौरों के साथ-साथ वर्चुअल बैठकों के जरिए संगठन को मजबूत करेंगे। दोनों नेता भाजपा और उसकी आईटी सेल की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे हैं, ताकि उनकी रणनीतियों का प्रभावी जवाब दिया जा सके।