TMC MLA Resigns: ममता बनर्जी को लगा एक और झटका, विधायक तापस रॉय ने पार्टी से दिया इस्तीफा

तापस रॉय 5 बार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। साल 2011, 2016 और 2021 में पश्चिम बंगाल के बारानगर विधानसभआ सीट से विधायक चुने गए थे।

Shashank Baranwal
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Tapas Roy

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है। इससे पहले सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक पार्टियों में नेताओं के इस्तीफे का दौरा शुरू हो गया है। इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक बार फिर झटका लगा है। जहां तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके विधायक तापस रॉय ने पार्टी से इस्तीफे दे दिया है। दरअसल तापस रॉय पार्टी की कार्य प्रणालियो से खासा नाराज चल रहे थे। जिसको लेकर उन्होंने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है।

बीजेपी में शामिल होने की लगाई जा रही अटकलें

ममता बनर्जी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। बीते दिनों तृणमूल कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं आज यानी सोमवार को विधायक तापस रॉय ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं अब सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं कि रॉय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

इस्तीफे की यह है वजह

इस्तीफे के बाद तापस रॉय ने अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी के कामकाज से नाराज था। पार्टी में मेरी इज्जत नहीं हो रही थी। साथ ही कहा कि जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से 12 जनवरी को घर पर आई थी। उसके बाद पार्टी की तरफ से कोई भी मदद नहीं मिली। आपको बता दें ईडी के छापे के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, नौशाद सिद्दीकी जैसे नेता उनके साथ खड़े मिले थे। लेकिन टीएमसी की तरफ से कोई समर्थन नहीं मिला था। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने कहा कि अब मैं आजाद पक्षी हूं।

5 बार रह चुके हैं विधायक

गौरतलब है कि तापस रॉय 5 बार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। साल 2011, 2016 और 2021 में पश्चिम बंगाल के बारानगर विधानसभआ सीट से विधायक चुने गए थे। जबकि साल 2001 में बड़ा बाजार विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। वहीं पहली बार कांग्रेस के टिकट से विद्यासागर विधानसभा सीट से साल 1996 में विधायक चुने गए थे।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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