कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी ‘भारत और रूस को गहरे, अंधेरे चीन के पास खो दिया’ पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा टैरिफ का नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, गरिमा और सम्मान का है। तिवारी ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारत के ऐतिहासिक संघर्ष का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत बलिदान देने को तैयार है, लेकिन कभी भी दबाव के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ट्रंप और उनके जैसे लोग यह नहीं समझते कि यह टैरिफ की बात नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, गरिमा और सम्मान की बात है। हमने ब्रिटिश साम्राज्य से लड़ा और उन्हें हराया। भारत एक रोटी कम खाएगा, लेकिन कभी दबाव में नहीं आएगा।”
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीर साझा करते हुए टिप्पणी की थी कि ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को गहरे, अंधेरे चीन के पास खो दिया है। ट्रंप ने बाद में शुक्रवार को व्हाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए अपनी इस टिप्पणी पर सफाई दी और कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भारत और रूस, चीन के साथ चले गए हैं। उन्होंने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर निराशा जताई और कहा कि अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाया है।
पीएम मोदी के साथ अच्छे संबंध
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध रखते हैं और कुछ महीने पहले उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा, “मैं मोदी के साथ बहुत अच्छा तालमेल रखता हूं, जैसा कि आप जानते हैं। वह कुछ महीने पहले यहां थे, और हम रोज गार्डन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए गए थे।” ट्रम्प ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात दोहराई।
मुनाफाखोरी का लगाया आरोप
इससे पहले, ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर रूस से तेल खरीदकर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया था। नवारो ने यह भी दावा किया कि भारत के टैरिफ की वजह से अमेरिकियों की नौकरियां प्रभावित हो रही हैं। तिवारी की टिप्पणी ने भारत की स्वतंत्र नीति और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए ट्रंप और नवारो के बयानों का कड़ा जवाब दिया।





