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Wed, Dec 17, 2025

‘हम भी शेयरधारक’, मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने की बीएसई भवन में घुसने की कोशिश, वीडियो वायरल

Written by:Mini Pandey
Published:
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनका मकसद व्यापार में बाधा डालना नहीं, बल्कि यह दिखाना था कि मराठा आरक्षण आंदोलन का असर देश के वित्तीय केंद्र सहित हर क्षेत्र पर पड़ सकता है।
‘हम भी शेयरधारक’, मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने की बीएसई भवन में घुसने की कोशिश, वीडियो वायरल

मुंबई के दलाल स्ट्रीट पर सोमवार सुबह मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों का एक समूह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के गेट तक पहुंचा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। भगवा स्कार्फ पहने और तख्तियां लिए ये प्रदर्शनकारी कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटिल के समर्थन में नारे लगा रहे थे, जो मुंबई के आजाद मैदान में चार दिन से भूख हड़ताल पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने BSE भवन में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोक दिया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम भी शेयरधारक हैं, हमें स्टॉक मार्केट देखने का पूरा हक है। हमारा पैसा भी यहां निवेशित है।”

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनका मकसद व्यापार में बाधा डालना नहीं, बल्कि यह दिखाना था कि मराठा आरक्षण आंदोलन का असर देश के वित्तीय केंद्र सहित हर क्षेत्र पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “हमारा आंदोलन किसी भी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। हम बस बाजार की स्थिति देखना चाहते थे।” इस दौरान दलाल स्ट्रीट की तंग गलियों में जरांगे-पाटिल के समर्थन में नारे गूंजते रहे और आसपास के लोग और दफ्तर जाने वाले इस घटना को अपने फोन में कैद करते नजर आए।

शहर में भारी भीड़, ट्रैफिक जाम

मुंबई में 29 अगस्त को लाखों समर्थकों के साथ जरांगे-पाटिल के आगमन के बाद से शहर में भारी भीड़, ट्रैफिक जाम और दक्षिण व मध्य मुंबई में छिटपुट प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। आजाद मैदान में डटे प्रदर्शनकारियों को महाराष्ट्र के गांवों से समर्थन मिल रहा है, जहां से चावल, गेहूं, मसाले, बिस्किट और अचार जैसे खाद्य पदार्थ ट्रकों में भरकर भेजे जा रहे हैं, ताकि आंदोलनकारी भूखे न रहें।

सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी

जरांगे-पाटिल ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भगवा स्कार्फ पहने सादे कपड़ों में कुछ पुलिसकर्मी प्रदर्शन में घुसपैठ कर भटकाने की कोशिश कर रहे हैं और वाहनों को वापस भेज रहे हैं। उन्होंने ऐसे पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की और चेतावनी दी कि मराठा मुद्दे को नजरअंदाज करने वाले विधायकों और सांसदों को उनके क्षेत्रों में जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।